________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुवादक बाल ब्रह्मचारी मुनि श्रीनमोलक ऋषजी कोडाकोडी हवेज दसगुणिता तं सुहमरस उद्धार सागरोवमस्स भवेपरिमाणं // ___ एतेहिं सुहुम उद्धार पलिओवम सागरीवमेहि किं पयायणं ? एतेहिं सुहुम उद्धार पलिउवम सागरोवमेहिं दीवसमुद्दाणं उद्धारोघेप्पइ // 29 // केवइयाणं भंते ! दीव समुद्दा उद्धारेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! जावइयाणं अड्डाइजाणं उद्धार सागरो. वमाणं उद्धारसमया एवइयाणं दीव समुद्दा उद्धारेणं पण्णत्ता, से त सुहुमे उद्धार पलिओवमे / / से तं उद्धार पलिओवमे // 30 // से किं तं अडापलिओवमे ? अद्यापलिओवमे दुविहे पण्णत्ते तंजहा-सुहुमेय, ववहारिएय // 31 // तत्थणं जे कोडाकोड पाले खाली होवे यह सूक्ष्म उद्धार सागरोपम का प्रमाण जानना. अहो भगवन् ! इस सूक्ष्म , उद्धार पल्योपम सागरोपम से क्या प्रयोजन है ? अहो शिष्य ! इस सूक्ष्म उद्धार पल्योपम सागरोपम कर द्वीप समुद्रों का उद्धार [ संख्या ] का प्रमाण किया जाता है // 29 // अहो भगवन् ! वे द्वीप समुद्रों कितने हैं ? अहो शिष्य ! जिनने अढाइ (2 // ) उद्धार सागरोपम ( अर्थात् 25 फोडाकोड उद्धार पल्योपम ) जिस के समय होते हैं. इतने सब द्वीप समुद्रों कहे हैं. यह सूक्ष्म उद्धार दिल्योपम कहा हैं. // 30 // अहो भगवन् : अद्धा पल्योपम किसे कहते हैं ? अहो शिष्य ! अद्धान पिल्योपम के दो भेद कहे है. तद्यथा-मूक्ष्म अद्धा पल्योपम और व्यवहार अद्धा पल्योपम // 31 // प्रकाशक-राजाबाहादुर लाला मुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादर्ज अर्थ For Private and Personal Use Only