________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 46 139 शम-अनुयोगद्वार सूत्र-चर्तुथ मूल 488 मणुस्से,उवसंता कसाया रूइयं सम्मत्तं एसणं से नामे उपइए उपसमिए खयनिप्फन्ने. 2 कयरे से नामे उदइए उपसमिए व उवसम निष्फने ? उदइएंति मणुस्से, उबसंता कसाया, खउवममियाई इंत्रियाई, एणं से नामे उपइए उवसमिए खउवसम निष्फले. 3 कयरे से नामे उदईए उवसमिए परिणामिय निष्फन्ने ? उदइए त्तिमणुरसे. उवसंता कसाया, परिणामिए जीने, एसणं से नामे उदइए उक्समिए पारिणामिय निप्फले 4 कयरे से नामे उदइए खइए खउपसमिय मिप्फम? उदइए तिमणुस्से, खइयं सम्मत्तं, खउक्समियाइं इंदियाई, एसणं से नामे कैसे होता है ? उत्तर-उदय में मनुष्य गति, उपशांत कषाय और सायिक सम्यक्त्व इसी से औदयिक औपशनिक वय निष्पन्न नाम कहा गया है. 2 प्रश्न-औदायक औपत्रमिक व क्षयोपशम निष्पन्न नाम से कहा है ? उत्तर-उदय में मनुष्य गति, उपरांत कषाय और श्योपसमिक इन्द्रिय हैं. इस में दायर औपशमिक व भोपशमिक नाम रखा गया है, 3 औदयिक भौषशमिक व पारिणाथिक पन्न नाम किसे कहते हैं ? उत्तर-उदय में मनुष्य गति, उपशांत कषाय और परिणाम में जीव है इसलिये औदयिक औपशमिक पारिणामिक नाम रखा गया है. 4 प्रश्न-औदयिक क्षायिक व क्षयोपशम निप्पन कैसे कहा गया है? उत्तर-उदय मनुष्य गति क्षायिक सम्यक्त्व व क्षयोशम इद्रिय है। नाम विषय अर्थ . . प For Private and Personal Use Only