Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 13 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२० उ०५ सू०१ पुद्गलस्य वर्णादिमत्वनिरूपणम् ५८१ उष्णो देशः स्निग्धो देशौ रूक्षौ इति द्वितीयो भङ्गः २ । 'देसे सीए देसे उसिणे देसा निदा देसे लुक्खे ३' देशः शीतो देश उष्णो देशौ स्निग्धौ देशौ रूक्ष इति तृतीयो भङ्गः ३ । 'देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे' देशः शीतो देशौ उष्णो देशः स्निग्धो देशो रूक्ष इति चतुर्थों भङ्गः ४ । 'देसे सीए देसा उसिगा देसे निद्ध देसा लुक्खा ५' देशः शीतो देशौ उष्णौ देशः स्निग्धो देशौ रुक्षौ इति पञ्चमो भङ्गः ५ । 'देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसे लुक्खे ६' देशः शीतो देशौ उष्णौ देशौ स्निग्धौ देशो रूक्ष इति षष्ठो भङ्गः ६ । 'देसा वाला हो सकता है एकदेश में स्निग्ध स्पर्शवाला हो सकता है और एक देश में रुक्ष स्पर्श वाला हो सकता है यह प्रथम भंग है १, द्वितीय भंग इस प्रकार से है-'देसे सीए देसे उलिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा' यहां चतुर्थ पद को अनेक वचनान्त करके यह द्वितीए भंग बनाया है २ तृतीय भंग इस प्रकार से है-'देसे सीए देसे उसिणे देसी निद्धा देसे लुक्खे २'यहां तृतीय पद को अनेक वचनान्त करके यह तृतीय भाग बनाया गया है३' 'देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे ४' यह चतुर्थ भंग है, इसमें द्वितीय पद को अनेक वचनान्त करके यह चतुर्थ भंग बनाया गया हैं ४, 'देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा ५' यह पांचवां भंग है इस में द्वितीय पद और चतुर्थ पद को अनेक वच. नान्त किया गया है, 'देसे सीए देसा उसिका देसा णिद्धा देसे लुक्खेद' यह छठा भंग है, इस में द्वितीय तृतीय पद को अनेक वचनान्त किया દેશમાં સ્નિગ્ધ સંપર્શવાળ હોઈ શકે છે. અને એક દેશમાં રૂક્ષ સ્પર્શવાળો डश छ. म
छ. भीत An मा प्रभारी छ, 'देसे सीए देसे निद्धे, देसा लुक्खा२' महियां यथा पहने सने क्यनवाणु अनावीन मा मीने 183 छ २ श्री. म. मा प्रमाणे छे. 'देसे सीए देसे उसिणे, देसा निद्धा देसे लुखे३' मारीत त्रीत २२५४ने भने यनवाये। मनाथी म त्रीने म ४ामा माये। छ. 'देसे सीए, देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे४' मा यो। म छे. मी ५४२ भने वयनवाणु मनापान ४ामा माछ.४ 'देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा५' मा पांय सग छे. मामा मा य मन याथु २२ मने क्यनथी ।उवामा माव्यु छ. 'देसे सीए देसा उसिणा देसा गिद्धा देजे लुक्खे६' मा प्रभाएन। म ७४ो . छे. मामा मीन भने त्रीon
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૩