Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 13 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२० उ०५ सू०३ पश्चप्रदेशिक स्कन्धनिरूपणम्
६६५
सिय कालगा य नीलए य हालिए य सुक्किलए य५' स्यात् कालश्च नीलध हारिद्रव शुक्लश्चेति प्रथमः १, स्यात् कालश्च नीलक्ष्य पीतश्च शुक्लाश्चेति द्वितीयः २, स्यात् कालच नीलश्च पीताश्च शुक्लश्चेति तृतीयः ३, स्यात् कालश्च नीलाच पीतश्च शुक्लश्चेति चतुर्थ ४, स्यात् कालाच नीच पीतश्च शुक्लश्चेति पञ्चमः ५ ।
हालिए य सुकिल्लए य ४, सिय कालगा य नीलए य हालिदए य सुकिल्लए ५' कदाचित् वह अपने एक प्रदेश में कृष्णवर्ण वाला हो सकता है एक प्रदेश में नीले वर्ण वाला हो सकता है एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला हो सकता है और एक प्रदेश में शुक्लवर्ण वाला भी हो सकता है ? अथवा द्वितीय भंग के अनुसार वह अपने एक प्रदेश में कृष्णवर्ण वाला हो सकता है, किसी एक प्रदेश में नीले वर्णवाला हो सकता है किसी एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला भी हो सकता है और अनेक प्रदेशों में शुक्लवर्ण हो सकता है २ तृतीय भंग के अनुसार वह अपने किसी एक प्रदेश में कृष्णवर्ण वाला हो सकता है किसी एक प्रदेश में नीले वर्णवाला हो सकता है अनेक प्रदेशों में पीलेवर्ण वाला हो सकता है और एक प्रदेश में शुक्लवर्ण वाला हो सकता है ३, चतुर्थ भंग के अनुसार यह किसी एक प्रदेश में कृष्णवर्ण वाला हो सकता है अनेक प्रदेशों में नीलेवर्ण वाला हो सकता है एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला हो सकता है और एक प्रदेश में शुक्लवर्ण वाला हो सकता है ४ पंचम भङ्ग के अनुसार वह अपने अनेक प्रदेशों में कृष्णवर्ण वाला हो सकता है एक प्रदेश में नीलेवर्ण वाला हो सकता है एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला हो सकता है और एक प्रदेश में शुक्ल
શકે છે. કેાઈ એક પ્રદેશમાં નીલવણુ વાળા હાઇ શકે છે. અનેક પ્રદેશમાં પીળા વણુ વાળા હાઈ શકે છે. તથા એક પ્રદેશમાં સફેદવઘુ વાળા હોય છે. આ ત્રીજે लौंग छे. सिय कालए य नीलगा य हालिए य सुक्किल्लए य४' ते अ એક પ્રદેશમાં કાળાવણ વાળા હાય છે. અનેક પ્રદેશમાં નીલવણ વાળા હાય છે. ફ્રાઈ એક પ્રદેશમાં પીળાવણુ વાળા હાય છે. તથા કોઇ એક પ્રદેશમાં સફેદ वर्षावाणी डोध शडे छे. आ थोथे। लौंग हे. ४ सिय कालगा य नीलए य हालिए य सुकिल्लए य' अाथित् ते पोताना भने अहेश मां अणावाशु वाणी હાય છે. એકપ્રદેશમાં નીલવણુ વાળા હાય છે. એકપ્રદેશમાં પીળાપણુંવાળા હાય છે. તથા એક પ્રદેશમાં સફેદવણુ વાળા હોય છે. એ રીતે આ
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૩