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१०४-छ णक्खत्ता पन्नरसमुहुत्तसंजुत्ता, तं जहा
सत्तभिसय भरणि अद्दा असलेसा साई तहा जेट्ठा।
एते छण्णक्खता पन्नर समुहु त्तसंजुत्ता।।१।। चन्द्र के साथ पन्द्रह मुहूर्त तक छह नक्षत्रों के रहने का वर्णन है। यथा - १. शत भिषक् * नक्षत्र, २. भरणी नक्षत्र, ३. आर्द्रा नक्षत्र, ४. आश्लेषा नक्षत्र, ५. स्वाति नक्षत्र, ६. ज्येष्ठा नक्षत्र । ये छह || नक्षत्र पन्द्रह मुहूर्त तक चन्द्र के साथ संयोग करके रहते हैं।
There is a description that six constellation stay with moon for the duration of fifteen muhurat. They are:-1. Shatbhishak Nakshtra, 2. Bharni Nakshtra, 3. Ardra Nakshtra, 4. Ashlesha Nakshtra, 5. Swati Nakshtra, 6. Jyeshtha Nakshtra. These six constellations dwell in combination with moon for a period of fifteen muhurat.
१०५-चेत्तासोएसु णं मासेसु पन्नरसमुहुत्तो दिवसो भवति। एवं चेत्तासोयमासेसु | पण्णरसमुहुत्ता राई भवति।
चैत्र और आश्विन (आसौज) मास में दिन पन्द्रह-पन्द्रह मुहूर्त का होता है। इसी प्रकार चैत्र * और आश्विन (आसोज) मास में रात्रि भी पन्द्रह-पन्द्रह मुहूर्त की होती है अर्थात् चैत्र और आश्विन | (आसोज) माह में पन्द्रह-पन्द्रह मुहूर्त के दिन व रात्रि होते हैं।
In the month of Chaitra and Ashvin the length of the day remains fifteen muhurat hours. In the same way the length of the night has been of fifteen muhurat in the month of Chaitra and Ashvin. It means the length of the day and night is of fifteen muhurat in the month of Chaitra and Ashvin.
१०६-विजाअणुप्पवायस्स णं पुव्वस्स पन्नरस वत्थू पण्णत्ता। विद्यानुवाद पूर्व के वस्तु नामक पन्द्रह अर्थाधिकारों का उल्लेख है।
– In the Vaasty Namak Pravad of poorva of Vidyanuvad fifteen || Arthadhikars are illustrated.
१०७-मणूसाणं पण्णरसविहे पओगे पण्णत्ते, तं जहा-सच्चमणपओगे (१), मोसमणपओगे (२), सच्चमोसमणपओगे (३), असच्चामोसमणपओगे (४), सच्चवइपओगे
(५), मोसवइपओगे (६), सच्चमोसवइ पओगे (७), असच्चामोसवइपओगे (८), || ओरालिअसरीरकायपओगे (९), ओरालिअमीससरीरकायपओगे (१०), वेउव्वियसरीर
कायपओगे (११), वेउव्विअमीससरीरकायपओगे (१२), आहारयसरीरकायप्पओगे (१३), आहारयमीससरीरकायप्पओगे (१४), कम्मयसरीरकायप्पओगे (१५)।
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__पंद्रहवां समवाय 岁 男 % % %
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Samvayang Sutra %% %%% %% %%%
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