Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni
Publisher: Padma Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 427
________________ 当当当当当当当% % %% % %% % %% % %% % %% % %% % %% % % % ६६४-जंबुद्दीवे [णं दीवे ] एरवए वासे इमीसे ओसप्पिणीए चउव्वीसं तित्थयरा होत्था। तं जहा चंदाणणं सुचंदं अग्गीसेणं च नंदिसेणं च। इसिदिण्णं ववहारिं वंदिमो सोमचंदं च ।।६८।। वंदामि जुत्तिसेणं अजियसेणं तहेव सिवसेणं । बुद्धं च देवसम्म सययं निक्खित्तसत्थं च।।६९।। असंजलं जिणवसहं वंदे य अणंतयं अमियणाणिं। उवसंतं च धुयरयं वंदे खलु गुत्तिसेणं च।७०।। अइपासं च सुपासं देवेसरवंदियं च मरुदेवं। निव्वाणगयं च धरं खीणदुहं सामकोटुं च।।७१।। जियरागमग्गिसेणं वंदे खीणरायमग्गिउत्तं च। वोक्कसियपिजदोसं वारिसेणं गयं सिद्धिं ।।७२।। ___. इसी जम्बूद्वीप के ऐरावत वर्ष में इसी अवसर्पिणी काल में चौबीस तीर्थंकर हुए हैं। इन समस्त तीर्थंकरों की मैं वन्दना करता हूँ। इन तीर्थंकरों के नामों के क्रम में कहीं-कहीं भिन्नता भी दिखाई ।। देती है। इन चौबीस तीर्थंकरों के नाम इस प्रकार हैं। यथा-1. चन्द्र सदृश मुख वाले सुचन्द्र, 2. अग्निसेन, - 3. नन्दिसेन, 4. व्रतधारी ऋषिदत्त, 5. सोमचन्द्र।।।68।।, 6. युक्तिसेन, 7. अजितसेन, 8. शिवसेन, 9. बुद्ध, 10-देवशर्म, 11. निक्षिप्त शस्त्र (श्रेयान्स)।।6911, 12 असंज्वल, 13. जिनवृषभ, 14. अमितज्ञानी | अनन्त जिन, 15. कर्म-रज रहित उपशान्त, 16. गुप्ति सेन।।।70।। 17. अतिपार्श्व, 18. सुपार्श्व, 19. देवेश्वरों से वन्दित मरुदेव, 20-निर्वाण को प्राप्त धर, 21. प्रक्षीण दु:ख वाले श्याम कोष्ठ, 22. रागविजेता अग्निसेन, 23. क्षीणरागी अग्निपुत्र और 24. राग-द्वेष का क्षय करने वाले, सिद्धि को प्राप्त | वारिषेण।।।71-72॥ In the area of Airavat of this Jambu continent of this degeneration (Avasarapini Kaal) time cycle there have been twenty four ford-makers. I, too, bow to these ford-makers. Somewhere in the order of the names of these Fordmakers the difference is visible even. The names of these Ford-makers are as follows : 1. Suchander (countenance same as of moon), 2. Agani Sen. 3. Nandi Sen, 4. Vatary Rishidutt, 5. Somchandra, 6. Yukati Sen, 7. Ajit Sen, 8. Shiva Sen, 9. Budha, 10. Devasharm, 11. Shreyans (weapons renunciaters), 12. Asamjwal, 13. Jin-Rishab, 14. Amit Jnani Anantgina 15. Upshant (devoid of karam dust), 16. Gupti Sen, 17. Jin-Rishabh, 18. Suparshava, 19. Maru Dev (worshiped by 1 gods), 20. Dhar (liberated one), 21. Shyam kosh (destroyer of miseries), समवायांग सूत्र 步步步步步步步为55% 351 % Great Persons %%%%%%%%%%% %%% %% %%

Loading...

Page Navigation
1 ... 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446