Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni
Publisher: Padma Prakashan

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Page 431
________________ 555555 % % %% % % %% % %% % % %% % % % %% % %% % % % % %% % It has been said that there will be twelve Supreme Lords (Chakaravarti) in coming Ascending time cycle (Utsarpini Kaal) in Bharat Varsh of Jambu continant as : 1. Bharat, 2. Dirghdanta, 3. Gudh-danta, 4. Shudha-danta, 5. Shreeputra, 6. Shree-bhuti, 7. Shree som, 8. Padam, 9. Maha-Padam, 10. VimalVahan, 11. Vipul-Vahan, 12. Rishth. These twelve supreme lords (Chakarvarti) would be the rulers of Bharat area in coming ascending time cycle (Utsarapini Kaal). - ६७१-एएसिं णं बारसण्हं चक्कवट्टीणं बारस पियरो, बारस मायरो भविस्संति, बारस इत्थीरयणा भविस्संति। इन बारह चक्रवर्तियों के बारह पिता, बारह माता तथा बारह ही स्त्रीरत्न होंगे। There will be twelve fathers, twelve mothers and even twelve consort jewels of these twelve supreme lords. ६७२-जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए नव बलदेव-वासुदेव-पियरो | भविस्संति, नव वासुदेवमायरो भविस्संति, नव बलदेवमायरो भविस्संति, नव दसारमंडला | भविस्संति। तं जहा-उत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी तेयंसी। एवं सो चेव - | वण्णओ भाणियव्वो जाव नीलगपीतगवसणा दुवे दुवे राम-केसवा भायरो भविस्संति। तं जहा नंदे य नंदमित्ते दीहबाहू तहा महाबाहू। अइ बले महाबले बलभद्दे य सत्तमे ।।८५ ।। दुविट्ठ य तिवट्ठ य आगमिस्साण वण्हिणो। जयंते विजए भद्दे सुप्पभे य सुदंसणे ।।८६ ।। आणंदे नंदणे पउमे संकरिसणे य अपच्छिमे। __इसी जम्बूद्वीप में स्थित भारतवर्ष में आगामी उत्सर्पिणी काल में नौ बलदेवों और नौ वासुदेवों के पिता, नौ वासुदेवों की माताएँ, नौ बलदेवों की माताएँ तथा नौ दशार-मंडल होंगे। वे उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष, प्रधान पुरुष, ओजस्वी व तेजस्वी आदि पूर्वोक्त विशेषणों से युक्त होंगे। पूर्व की गाथाओं | 9 में जो दशार मण्डल का विस्तृत वर्णन किया है, वह सब यहाँ पर भी यावत् बलदेव नील वसन वाले 5 और वासुदेव पीत वसन वाले होंगे। यहाँ तक ज्यों का त्यों कहना चाहिए। इस प्रकार भविष्य काल में | दो-दो राम और केशव भाई होंगे। उनके नाम इस प्रकार होंगे 1. नन्द, 2. नन्दमित्र, 3. दीर्घबाहु, 4. महाबाहु, 5. अतिबल, 6. महाबल, 7. बलभद्र, 8. द्विपृष्ठ | 9 9. त्रिपृष्ठ। ये सभी आगामी उत्सर्पिणीकाल में नौ वृष्णी या वासुदेव होंगे। इसी प्रकार बलदेव के विषय | में कहा गया है। जो नौ बलदेव आगामी उत्सर्पिणी काल में होंगे, उनके नाम इस प्रकार हैं-1. जयन्त, 2. विजय, 3. भद्र, 4. सुप्रभ, 5. सुदर्शन, 6. आनन्द, 7. नन्दन, 8. पद्म, 9. संकर्षण।।85-86।। समवायांग सूत्र 355 Great Persons

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