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The distance of one entrance gate to another entrance gate of Jambu continent has been defined a little more than seventy nine thousand yojanas.
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।। उन्यासीवां समवाय समाप्त ॥ (The End of Seventy Nineth Samvaya)
अस्सीवां समवाय The Eightieth Samvaya
३७५ - सेज्जंसे णं अरहा असीइं धणूइं उड्डुं उच्चत्तेणं होत्था । तिविट्ठे णं वासुदेवे असीइं धणूई उड्डुं उच्चत्तेणं होत्था । अयले णं बलदेवे असीइं धणूई उड्डुं उच्चत्तेणं होत्था । तिविट्ठे णं * वासुदेवे असीइ वाससयसहस्साइं महाराया होत्था ।
श्रेयांस अर्हन् की ऊँचाई अस्सी धनुष कही गई है। त्रिपृष्ठ वासुदेव की ऊँचाई भी अस्सी धनुष | कही गई है। अचल बलदेव अस्सी धनुष ऊँचे कहे गए हैं। त्रिपृष्ठ वासुदेव अस्सी लाख वर्ष महाराज पद पर आसीन रहे ।
The height of Arihant Shreyans Nath was of eighty Dhanush (bows). The height of the Triprishth lord was eighty bows high. Triprishth Vasudev occupied the title of emperor for a period of eighty lacs years. Achal Baldev (co-lord) was eighty Dhanush (bow) height.
३७६ - आउबहुले णं कंडे असीइ जोयणसहस्साइं बाहल्लेणं पण्णत्ते ।
रत्नप्रभा पृथ्वी का तृतीय अब्बहुल कांड या भाग अस्सी हजार योजन मोटा कहा गया है।
The third part namely Abhul Kaand of Ratanprabha hell has thousand yojanas thickness.
३७७ - ईसाणस्स देविंदस्स देवरन्नो असीइं सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ता ।
देवेन्द्र देवराज ईशान के अस्सी हजार सामानिक देव कहे गए हैं।
The total number of the co-chief (Samanik gods) of Devender Devraj of Ishan kalpa is eighty thousand.
३७८ - जंबुद्दीवे णं दीवे असीउत्तरं जोयणसयं ओगाहेत्ता सूरिए उत्तरकट्ठोवगए पढमं उदयं करे ।
जम्बूद्वीप में एक सौ अस्सी योजन भीतर प्रवेश कर सूर्य उत्तर दिशा को प्राप्त हो प्रथम बार यानि प्रथम मण्डल में उदित होता है।
अस्सीवां समवाय
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Samvayang Sutra