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एयाइं नामाई पुव्वभवे आसि वासुदेवाणं । एत्तो बलदेवाणं जहक्कमं कित्तइस्सामि । । ५७ ।।
विसनन्दी य सुबन्धू सागरदत्ते असो गललिए य । वाराह धम्मसेणे अपराइय रायललिए य ।। ५८ ।।
इन नौ बलदेवों और वासुदेवों के पूर्वभव के नौ नाम क्रमश: इस प्रकार थे
1. विश्वभूति, 2. पर्वत, 3. धनदत्त, 4. समुद्रदत्त, 5. ऋषिपाल, 6. प्रियमित्र, 7. ललित मित्र, 8. पुनर्वसु 9. गंगदत्त । ये वासुदेवों के पूर्वभव के नाम कहे गए हैं ।। 156-57।।
नौ बलदेवों के पूर्वभव के नाम इस प्रकार हैं
1. विश्वनन्दी, 2. सुबन्धु, 3. सागरदत्त, 4. अशोक, 5. ललित, 6. वाराह, 7. धर्मसेन, 8. अपराजित, 9. राजललित ॥58।।
The names of the nine co-lords (Baldeva) and Lords (Vasudeva) of there previous births were, respectively, as follows: the names of Vasudevas : 1 Vishavabhuti, 2. Parvat, 3. Dhandutt, 4. Samuderdutt, 5. Rishipal, 6. Priya - Mitra, 7. Lalit-mitra, 8. Punarvasu, 9. Gangdutt.
The names of the nine co-lords : 1. Vishavanandi, 2. Subandhu, 3. Sagardutt, 4. Ashok, 5. Lalit, 6. Varaha, 7. Dharam Sen, 8. Aprajit, 9. Raj lalít. ६६०–एएसिं नवण्हं बलदेव - वासुदेवाणं पुव्वभविया नव धम्मायरिया होत्था । तं जहासंभूय सुभद्द सुदंसणे य सेयंस कण्हे गंगदत्ते य । सागर समुद्दनामे दुमसेणे य णवमए । । ५९ ।। एए धम्मायरिया कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं । पुव्वभवे एयासिं जत्थ नियाणाई कासी य । ६० ।।
इन नव बलदेवों और वासुदेवों के पूर्वभव में नौ धर्माचार्य थे। उनके नाम इस प्रकार हैं- 1. संभूत, 2. सुभद्र, 3. सुदर्शन, 4. श्रेयान्स, 5. कृष्ण, 6. गंगदत्त, 7. सागर, 8. समुद्र 9. द्रुमसेन ।।।59।।
ये नौ ही आचार्य कीर्तिपुरुष वासुदेवों के पूर्वभव में धर्माचार्य थे। जहाँ वासुदेवों ने पूर्वभव में निदान किया था, उन नगरों के नाम आगे कहते हैं - 1116011
There were nine religious preceptors of these nine co-lords (Baldeva) and lords (Vasudeva) as follows : 1- Sambhuj, 2. Subhadra, 3. Sudarshan, 4. Shreyans, 5. Krishan, 6. Gangdutt, 7. Sagar, 8. Samundera, 9. Dhramsen.
Only these nine were the preceptors of these glorious nine lords (Vasudeva) in their previous births. Next the name of cities have been mentioned where the
Samvayang Sutra
महापुरुष
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