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२१. शैक्ष साधु की इक्कीसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु के द्वारा कुछ कहे जाने पर
क्या कहा? इस प्रकार से कहे। २२. शैक्ष साधु की बाईसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु को "तुम" कहकर बोले यानि
तुच्छ शब्दों का प्रयोग करे। २३. शैक्ष साधु की तेईसवीं आशातना है कि वह रात्निक साधु से चप-चप करता हुआ उदंडता
से बोले। २४. शैक्ष साधु की चौबीसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु के कथा करते हुए "जी हाँ"
आदि शब्दों से अनुमोदना न करे। २५. शैक्ष साधु की पच्चीसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु के द्वारा धर्म कथा कहते समय
"तुम्हें स्मरण नहीं" इस प्रकार से बोले। २६. शैक्ष साधु की छब्बीसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु के द्वारा धर्मकथा कहते समय |
"बस करो" इत्यादि कहे। २७. शैक्ष साधु की सत्ताईसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु के द्वारा धर्मकथा कहते समय
परिषद् का भेदन करे। २८. शैक्ष साधु की अट्ठाईसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु के धर्मकथा कहते हुए उस
सभा के नहीं उठने पर दूसरी-तीसरी बार भी उसी कथा को कहे। २९. शैक्ष साधु की उनतीसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु के शय्या-संतारक को पैर से
ठुकरावे। ३०. शैक्ष साधु की तीसवीं आशातना है कि वह रात्निक साधु के शय्या या आसन पर खड़ा
होवे, बैठे-सोये। ३१-३२. शैक्ष साधु की इकत्तीसवीं - बत्तीसवीं आशातना है कि वह रात्निक साधु से ऊँचे या
समान आसन पर बैठे। ३३. शैक्ष साधु की तेतीसवीं आशातना है कि वह रानिक साधु के कुछ कहने पर अपने आसन
पर बैठा-बैठा उत्तर दे। There has been a description of impropitious discourtesies of right perception religion. Their numbers is thirty three. They are -
___ 1.
If the Shaiksh Sadhu (newly initiated monk) moves very close to the senior monk, this is the first ashatana of the newly initiated monk. The second ashatana (discourtesy) of the newly initiated monk is to walk in front or ahead of the senior monk.
2.
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Samvayang Sutra
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