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अध्याय १ - पृष्ठभूमि
वे अपने पास संग्रहीत साहित्य को प्रकट होने देना नहीं चाहते। अनेक स्थानों पर तो बस्ते मात्र का दर्शन हुआ, किन्हीं स्थानों पर पुस्तकों के स्पर्श को प्राज्ञा नहीं मिली और कुछ महानुभावों ने तो केवल बातों में ही टहला दिया । मैंने सम्पूर्ण सामग्री को छः भागों में विभाजित किया है
१. रोति-काव्य, २. शृगार-काव्य, ३. भक्ति-काव्य, ४. नीति, युद्ध, इतिहास आदि, ५. गद्य-प्रन्थ, और ६. अनुवाद-ग्रन्थ।
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