Book Title: Matsyapradesh ki Hindi Sahitya ko Den
Author(s): Motilal Gupt
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 296
________________ ४८. पंगु कवि १८ कृष्णगायन । ४६. फितरत - ११, २३७, २३८ । यह इनका उपनाम प्रतीत होता है । सिंहासन बत्तीसी समय संवत् १८६७ : पोथी उर्दू की लिखी हिन्दी में । ५०. बख्तावरदान बारहठ २० । ५१. बख्तावरसिंह १५, १००, १०३, २६४ । अलवर के महाराज | १. दानलीला : (संवत् १८२५ ) । २. श्रीकृष्ण लीला : कृष्ण और राधा के नखसिख तथा क्रीड़ा श्रादि का वर्णन । परिशिष्ट १ - ५२. बटुनाथ - १८. ११४, ११५ । राग रागनियों के ज्ञाता । रास पंचाध्यायी : संवत् १८६६ । प्रकृति वर्णन हरिश्रोध से मिलाने योग्य । ५३. बलदेव १७, १२६, २६४, २६५ । भरतपुर निवासी, खंडेलवाल वैश्य । विचित्र रामायण : समय संवत् १६०३ | बाल्मीकि रामायण के प्राधार पर १४ अंकों में रामकथा का वर्णन । रामचंद्रिका के समान छंद - श्रलंकार श्रादि । ५४. बलदेवसिंह - १००, २६४ । भरतपुर के महाराज । पद संग्रह : राम और लक्ष्मण को इष्ट मान कर पद लिखे हैं । इनकी रानी भी कविता करती थीं । - ५५. बलभद्र ५६ बलवन्तसिंह - १७ । ५७. बुद्धसिंह - ५६ । महाराजा बूंदी | ३८, ६८, २६४, २६५ | महाराज महीसिंह के प्राश्रित । Jain Education International -- ५८. ब्रजचन्द १८, ७७ । बलवन्तसिंह के आश्रित । श्रृंगार तिलक : संवत् १८६५ । २७७ ५६. ब्रजदूलह - १०० । ६०. ब्रजवासीदास - १३७ । ब्रजविलास के कर्ता । ६१. बालगोविंद गुसांई - २४८ । ६२. भोगीलाल - ६, ३८, ६५, ६७, ६८, ६०, ६१, १०१, २६५, २७० । बख्तावरसिंह के प्राश्रित । बखत विलास : नायक नायिका वर्णन । उच्चकोटि का रीति ग्रंथ, कवि और राजा की वंशावली सहित । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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