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जीवसमास गाथार्थ- एकेन्द्रिय के बादर, सूक्ष्म, पर्याप्त तथा अपर्याप्त- ये ४ भेद होते हैं। द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय और चतुरेन्द्रिय- इन तीनों के पर्याप्त तथा अपर्याप्त, ऐसे ६ भेद होते हैं। पंचेन्द्रिय जीवों के संज्ञी, असंज्ञी, पर्याप्त तथा अपर्याप्त, ऐसे ४ भेद हैं। इनमें पंचेन्द्रिय जीवों में चौदह गुणस्थान तथा शेष सभी में मिथ्यादृष्टि गुणस्थान हैं।
विवेचन-उपर्युक्त गाथा में जीव के १४ भेद बताये गये हैं। इन्हें इस प्रकार भी बताया जा सकता है- १. सूक्ष्म एकेन्द्रिय २. बादर एकेन्द्रिय ३. द्वीन्द्रिय ४. बीन्द्रियी ५. चतुरेन्द्रिय ६. असंज्ञी पंचेन्द्रिय तथा ७. संज्ञी पंचेन्द्रिय। इन सातों में प्रत्येक के पर्याप्त तथा अपर्याप्त ऐसे दो-दो भेद करने से जीव के १४ भेद होते हैं।
गाल, देद लगा गिच में पाये जाने वाले गणस्थानों की चर्चा गतिमार्गणानामक गाथा २२ में की जा चुकी है। इन्द्रियों की अपेक्षा से पंचेन्द्रिय संज्ञी मनुष्यों में १४ गुणस्थान संभव हैं तथा शेष सभी अर्थात् एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय, चतुरेन्द्रिय तथा असंज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों में मात्र मिथ्यात्व गुणस्थान ही होता है।
प्रश्न- यहाँ शंका उपस्थित होती है कि करण अपर्याप्त बादर पृथ्वीकाय, अपकाय, वनस्पतिकाय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरेन्द्रिय में सासादन गुणस्थान है, उसे यहाँ क्यों नहीं लिया गया है?
उसर-करण अपर्याप्त को दूसरा गुणस्थान होने की संभावना है पर उसका काल अत्यल्प होने से उसकी यहाँ चर्चा नहीं की। पर्याप्तावस्था में तो सभी असंझीजीव मिथ्यात्व में आ जाते हैं, अत: पंचेन्द्रिय को छोड़ सभी को मिथ्यात्व गुणस्थान कहा गया है।
__गाथा २२,२३,२४ में लब्धि एवं करण अपर्याप्त की चर्चा होने से प्रसंगानुसार यहाँ लब्धि और करण-अपर्याप्त तथा पर्याप्त का विवेचन किया जा रहा है। अपर्याप्त जीवों के दो प्रकार हैं १, लब्धि अपर्याप्त और २. करण-अपर्याप्त। इसी प्रकार पर्याप्त जीवों के भी दो प्रकार हैं १. लब्धिपर्याप्त तथा २. करणपर्याप्त।
१. लब्धिअपर्याप्त-अपर्याप्त नामकर्म के उदय से जो जीव स्वयोग्य सभी पर्याप्तियों को पूर्णत: प्राप्त किये बिना ही मर जाते हैं, वे लब्धि अपर्याप्त है।
२. करणअपर्याप्त-करण अपर्याप्त के विषय में यह बात नहीं है। में पर्याप्त नामकर्म उदयवाले भी होते हैं अर्थात् चाहे उन्हें अपर्याप्त नामकर्म का उदय हो, चाहे पर्याप्त नामकर्म का—पर जब तक वे अपने करण (प्रयत्न) से शरीर,