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जीवसमास
अनुत्तीसं तु लबा अलवो खेव नालिया हो । दो नालिया मुहतो तसि सुहुत्ता तिथि सहस्सा सत्त य सयाणि सतरी
अहोरतो ।। १०८ ।। उसासा ।
उसासा । १०९ ।।.
एक्केक्कस्सेवइया हुति मुत्तस्स गावार्थ - साढ़े अड़तीस लव की एक नाड़िका (नालिका) होती हैं। दो नालिका अर्थात् ७७ मात्र का एक मुहूर्त अर्थात् अड़तालीस मिनट होते हैं तथा तीस मुहूर्त का एक अहोरात्र (दिवस) होता है । । १०८ ।। प्रकारान्तर से तीन हजार सात सौ तिहत्तर (७ × ७४७७ = ३७७३) उच्छ्वास का एक मुहूर्त होता हैं । । १०९ ।। पनरस अहोरता पक्खो · पक्खा य दो भवे मासो ।
दो मासा उउसना तिनि थ रियवो अयणमेगं । । ११० । ।
दो अथणाएं वरिसं तं दसगुणवडियं भवे कमसो ।
दस य सयं च सहस्से दस य सहस्सा सयसहस्तं । । १११ । ।
वास सबसहरूपं पुण जुलसीइगुणं हवेज्ज मुव्वंगं । पुवंगसबसहस्सं चुलसीइगुणं भवे पुष्वं । । ११२ ।।
गाथार्थ -पन्द्रह दिन रात का एक पक्ष होता है। दो पक्ष का एक मास होता हैं । दो. 1. मास की एक ऋतु होती है और तीन ऋतुओं का एक अयन होता हैं। दो अयन का एक वर्ष होता है। इसमें क्रमश: दस-दस से गुणा करने पर दस, सौं, हजार, दस हजार और लाख संख्या होती हैं। इस लाख को चौरासी से गुणित करने पर अर्थात् चौरासी लाख वर्षों का) एक पूर्वांग होगा। इस पूर्वांग को फिर चौरासी लाख से गुणित करने पर एक पूर्व होता है।
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विवेचन - पन्द्रह दिन का पक्ष, दो पक्ष का मास, दो मास की ऋतु, तीन ऋतु का अयन, दो अयन का एक वर्ष फिर एक को क्रम से दस-दस से गुणित करते जाने पर क्रमश: दस, सौ, हजार, दस हजार और एकलाख की संख्या होगी। को चौरासी से गुणित करने पर चौरासी लाख वर्ष होंगे इसको फिर चौरासी लाख से गुणित करने पर (८४०००००×८४०००००) जो संख्या बनेगी उसे " पूर्व" कहा गया है।
पुव्वस्स उ परिमाणं सारं खलु होति कोडिलक्खाओ । छप्पनं च सहस्सा जोखव्वा वासकोडीणं । ११३ ।।
पुवंगं पुब्वंपियनउयंगं चैव होड़ नवयं च । नलिणंगं नलिपि य महनलिणंगं महानलिणं । । ११४ । ।