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परिमाण-द्वार अध्याय ७, सूत्र २८) मात्र वर्तमान काल की पर्याय को ग्रहण करने वाला नय ऋजुसूत्र नय है। ऋजुसूत्र नय भूत और भविष्य काल की पर्याय को ग्रहण नही करता है।
इसके दो भेद हैं- (१) मूक्ष्म ऋजुसूत्र नय, (२) स्थूल ऋजुसूत्र नय।
जो एक स: 1 को पर्यन र रण को रहेगन :जुई नानते हैं जैसे- शब्द भणिक हैं।
____ जो अनेक समयों की वर्तमान पर्याय को ग्रहण करता है उसे स्थल ऋजुसूत्र नय कहते हैं जैसे मनुष्य पर्याय सौ वर्ष का है।
(५) शब्द नय-काल, कारक, लिंग, विभक्ति, उपसर्ग और वचन आदि के भेद से शब्दों में अर्थ-भेद का प्रतिपादन करने वाले नय को शब्द नय कहते हैं जैसे- वह बनारस था, बनारस है और बनारस रहेगा। उपरोक्त उदाहरण में शब्द नय भूत, वर्तमान और भविष्य काल के भेद से बनारस के तीन भेद मानता है अर्थात् उन्हें अलग-अलग मानता है। इसी प्रकार घड़ा बनाता है और घड़ा बनाया जाता है यहाँ कारक के भेद से शब्द नय घट के अर्थ में भी भेद करता है। इसी प्रकार लिङ्ग, संख्या, पुरुष और उपसर्ग के भेद से भी वह शब्द के अर्थ-भेद मानता है।
शब्दनय ऋजुसूत्र नय के द्वारा ग्रहण किये हुए वर्तमान को भी विशेष रूप से मानता है जैसे ऋजुसूत्र नय लिङ्गादि का भेद होने पर भी उसकी वाच्य पर्यायों को एक ही मानता है परन्तु शब्द नय लिङ्गादि के भेद से पर्यायवाची शब्द में भी अर्थभेद ग्रहण करता है यथा- वह तटः, तटी, तटम् इन तीनों में अर्थों का भेद मानता है। किन्तु राजा, नप, भूपति, भूपाल आदि पर्यायवाची शब्दों में अर्थ-भेद नहीं मानता है।
(६) समपिरूढ़ नष- पर्यायवाची शब्दों में निरुक्ति या व्युत्पत्ति के भेद से भिन्न अर्थ को मानने वाले नय को सममिरूढ़ नय कहते हैं।
यह नय मानता है कि जहाँ शब्द भेद है वहाँ अर्थभेद भी है। शब्द नय तो अर्थभेद वहीं मानता है जहाँ लिंगादि का भेद हो परन्तु इस नय की दृष्टि में तो प्रत्येक शब्द का अर्थ भिन्न-भिन्न होता है भले ही वे शब्द पर्यायवाची हो और उनमें लिङ्ग आदि का भेद भी न हो। इन्द्र और पुरन्दर शब्द पर्यायवाची हैं फिर भी इनके अर्थ में अन्तर है। इन्द्र शब्द से ऐश्वर्य वाले का बोध होता है और पुरन्दरो से पुरों अर्थात् नगरों के नाश करने वाले का बोध होता है। दोनों का आश्रय एक ही होने से दोनों शब्द पर्यायवाची बताये गये हैं किन्तु इनका अर्थ भिन्न है। इसी प्रकार प्रत्येक शब्द मूल में तो पृथक अर्थ का परिचायक होता है किन्तु कालान्तर में व्यक्ति या समूह में प्रयुक्त होते-होते पर्यायवाची बन जाता है।