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सत्पदप्ररूपणाद्वार
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शुक्ललेश्यावाला व्यक्ति- रागद्वेष रहित, हर्ष-शोक रहित, परोपकारी, परमात्म गुण विलासी होता है तथा मरकर मोक्ष मे जाता है। (उपदेशप्रासाद, स्तम्भ १, व्याख्यान २२६ से उद्धत ) |
इन लेश्याओं के वर्ण, गन्ध, स्पर्श आदि का विचार निम्न प्रकार से मिलता है
कृष्णलेश्या - कृष्ण लेश्या का पुद्गल द्रव्य - वर्ण की अपेक्षा से भैंसे के तुल्य कृष्णवर्ण का, गंध की अपेक्षा से मृत कलेवर से भी अनन्तगुना दुर्गन्धयुक्त, रस की अपेक्षा से कड़वी तुम्बी, नीम से अनन्तगुना कटु तथा स्पर्श की अपेक्षा सेना खुरदरा होता है।
नीललेश्या - नीललेश्या का पुद्गल द्रव्य - वर्ण की अपेक्षा से वैडूर्य मणि के समान वर्णवाला, गन्ध की अपेक्षा से मृत कलेवर से कुछ कम दुर्गन्ध वाला, रस की अपेक्षा से त्रिफला, साँठ एवं पीपलामूल से अनन्तगुना तीखा स्वादवाला तथा स्पर्श की अपेक्षा से जीभ के स्पर्श से अनन्तगुना खुरदरा होता है।
कापोतलेश्या - कापोत लेश्या से सम्बन्धित पुद्गल द्रव्य - वर्ण की अपेक्षा से कबूतर की गर्दन के जैसा रंग वाला, गन्ध की अपेक्षा से नील लेश्या की गन्ध से कुछ कम दुर्गन्ध वाला, रस की अपेक्षा से कच्ची केरी, आंवला, कोलु के स्वाद से अनन्तगुना खट्टा एवं कर्षला तथा स्पर्श की अपेक्षा से भाजी के पत्तों के स्पर्श से अनन्तगुना कठोर होता है।
तेजोलेश्या - तेजोलेश्या से सम्बन्धित पुद्गल द्रव्य - वर्ण की अपेक्षा से हिंगलु, प्रवाल, सूर्यकिरण, तोते की चोंच एवं दीपक की ज्योति के समान, गन्ध की अपेक्षा से सुगन्धित इत्र के समान, रस की अपेक्षा से पके हुए आम, पके केले से अनन्तगुना मिष्ट रस वाला, स्पर्श की अपेक्षा से आकड़े की रुई, मक्खन,
शिरीष के फूल से अनन्तगुना कोमल स्पर्शवाला होता है।
पद्मलेश्या – पद्मलेश्या का पुद्गल द्रव्य - वर्ण की अपेक्षा से चूरी हुई हल्दी, सन के फूल के समान, गन्ध की अपेक्षा से तेजोलेश्या की गन्ध से अधिक सुगन्ध, रस की अपेक्षा से द्राक्ष के रस से अनन्तगुना मीठे रस वाला तथा स्पर्श की अपेक्षा से तेजोलेश्या के स्पर्श से अधिक कोमल स्पर्श वाला होता है।
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शुक्लेश्या - शुक्ललेश्या से सम्बन्धित द्रव्य - वर्ण की अपेक्षा से शंख, कुन्द, दुग्ध, श्वेतपुष्प के समान रंग वाला, गन्ध की अपेक्षा से तेजोलेश्या की गन्ध से अधिक सुगन्धवाला, रस की अपेक्षा से खजूर, द्राक्ष, खीर, शक्कर के स्वाद से अनन्तगुना मीठे स्वादवाला तथा स्पर्श की अपेक्षा तेजोलेश्या के स्पर्श से अधिक कोमलतम जानना चाहिये ।