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जैनशासन
आदिसे अधिक विशाल सौभाग्य मुनित्वकी ओर जानेवालेका बताते हैं। अन्यका जीवन जहाँ विषयलोलुपता के कारण पराधीनता और विपत्तिपूर्ण है, वहाँ असा मय साधुको जीवनी अभय और आनन्दका भण्डार है । गुणभद्र स्वामी अपने आश्चर्यको इन शब्दों में प्रतिबिम्बित करते हैं -
"न जाने कस्येदं परिणतिरुदारस्य तपसः "
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आत्मानुशासन ६७ | दिगम्बर साबुओं का उल्लेख अन्य सम्प्रदायोंमें भी पाया जाता है । परमहंस नामक हिन्दू मात्र नग्न रहा करते हैं। सिक्खों के यहां श्रेष्ठ रूपमें दिगम्बर साधु वर्णित हैं।" अलकासिम कोलामी मुस्लिम साधुने दिगम्बर मुद्रा धारण की थी । चल नामके उच्च मुस्लिम साधु पूर्णतया नग्न बिहार करने हैं। 3
बंबई प्रान्तके कोपरगांव नामक स्थानपर एक नर दिगम्बर मुसलिम साधुका समाधिस्थल मौजूद है । दिगम्बर जैन का पद वस्त्रमात्रका परित्यागकर स्वच्छन्द विचरण करने वालेको नहीं प्राप्त होता । उस महापुरुषका जीवन अत्यन्त संयत और सुव्यवस्थित रहता है । वे किसी भी प्राणीका बात नहीं करते, यद्यपि उनके गमनागमन, क्वासोच्छ्वास आदि प्राणघात अनिवार्य है, तथापि यथाशक्ति राग-द्वेष आदि विकारोंको दूरकर आत्म-निर्मलताका पूर्णतया रक्षण करते हैं। श्रेष्ठ रीतिसे सत्य महाव्रत, अत्रौर्यं महाव्रत, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य महाव्रतका भी परिचालन करते हैं । वे मन, वचन, कायकी प्रवृत्तिको सहया रोकने में असमर्थ हो, गमनागमन और भाषण के सम्बन्धमे इस प्रकार प्रवृत्ति करते हैं
"परमाद तज चौ-कर-मही लख समिति ईर्ष्या तें चलें । जग हितकर सब अहित हर श्रुति सुखद सब संशय हरें । भ्रम- रोग हर जिनके वचन मुखचन्द्र लें, अमृत सरें ॥" बहार सम्बन्धी एषणा नामक समितिका वे विशेष ध्यान रखते हैं । अतः-"ख्यालीस दोष बिना सुकुल श्रावकतने घर असनको । ले तप बढ़ावन हेत नहि तन पोषते तज रसनको ॥"
I. Wilson's “Religious Sects of the Hindus" P 275. 2. "Abdul Kasim Gilani discarded even lion strip and remained completely naked."-From Religious life & attitude in Islam. P. 203.
3. "The higher Saints of Islam called 'Abdals' generally went about perfectly naked."-Mysticism and Magic in TurkeyQuoted in the Digamber Saints of India.