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अनेकान्त
[वर्ष ६
परम्पराको
श्री अवनीन्द्रकुमारजी विगालंकार नई दिल्ली- धर्मः" कुछ इन्हीं पाक बुजुकी जिन्दगीमें अमली सूरत
भारतीय सभ्यता और संस्कृति जिन महाविभूतियोंके अख्तियार करती हुई नज़र पाती है। ये दुनियाके कबरकारण गौरवशालिनी और महिमा मरिaastt. उनमें दस्त रिफार्मर मोहसिन और बड़े ऊँचे दरजेके वाइज और भगवान् महावीरका स्थान अद्वितीय है। भारतीय समाज प्रचारक गुजरे हैं. यह हमारी.कौमी तवारीखके कीमती का स्वरूप और ढांचा बदलने के लिये, प्राचीन रूढ़ियों रत्न है। तुम कहां और किनमें धर्मात्मा प्राणियोंकी परम्पराओंके विरुद्ध जिन लोगोंने अपना सारा जीवन तलाश करते हो? इनको देखो. इनसे बेहतर साहब कमाल उत्सर्ग कर दिया और अपनी जोरदार पावाज उठाकर एवं तुमको कहाँ मिलेंगे? इनमें त्याग था. इनमें वैराग्य था, जिन्ने विधि-विधान कर्मकाण्ड प्रधान धर्म विरुदु क्रांति इनमें धर्मका कमाल था ये इन्पाली कमजोरीसे बहुत चे की पुण्य पताका फहराई है। उनमें भगवान महावीरका थे, इनका खिताब 'जिन' है. जिन्होंने मोह मायाको और स्थान अनुपम और प्रमुख है।
मन और कायाको जीर लिया था। ये तीर्थकर हैं,ये परम
हंस है. इनमें तमना नहीं थी। बनावट नहीं थी, जो बात श्रीयुत महात्मा शिवकृतलालजी बर्मन M.A -
थी साफ-साफ थी। तुम कहते हो ये नन्न रहते थे, इसमें जो जैसा हो उसको वैसा ही देखो। यह अहिंसाकी ऐब क्या है? परम अन्तनिष्ठ, परमज्ञानी, कुदरतके सचे परम ज्योति वाली मूर्तियां वेदों। अति "अहिंसा परमो पुत्र, इनको पोशिशकी जरूरत कब थी?
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1 धार्मिक पुस्तकोंके मिलनेका अभाव होते जानेपर भी
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(१)भवष्यदत्तसेट १०॥2)का)। (२)चन्दन वालासेट ६)का )। (३)मत्यमार्ग सेट ८-)|का ६) सुरसुन्दरी नाटक मनी चन्दनबला
सत्यमार्ग नवीनजिनवाणी संग्रह माघषनाटक
जिनवाणं संग्रह भविष्यदत्तचरित्र
रत्नमाला
H) रस्नकरंडश्रावकाचार व धन्यकुमारचरित्र अंजन सुन्दरीनाटक !)
द्रव्यसंग्रह पयूषण पर्व ब्रतकथा समन्तभद्रचरित्र
नित्यनियमपूजा भाषा
ऋषभदेकी उ. भादौं जेनपूजा सूत्रभक्तामर १० पु.
जैनधर्मसिद्धान्त किशन-भजनावली २ मिनबाण गुटके
विशाल जनसंघ चांदन गांच-कीर्तन हितैषी गायन
श्रात्मकमनोविज्ञान बारहमासा श्रनम्नमती जैनभजनसंग्रह
अतिशयजनपूजा दीपमालिकापूजन श्रनन्तमनी-चरित्र
चाराचत्र हस्तिनागपुर-माहात्म्य रत्नकरएडश्रावकाचार
राबबनकथा बड़ी सम्मेदशिम्वरपूजा बड़ी सहस्रनाम भाषाटीका
विनती विनोद
D4 श्री वीर जैन पुस्तकालय, १०८ बी नई मंसी मुजफ्फरनगर ( यू०पी०) नोट-नं. १ सेट दम काये ग्यारह पानेका पाठ कायेमें । नं. २ सेट सवाछह रुपपेका पौने पांच रुपयेमें ।
नं. ३ सेट अोठ रुपये साढ़े पांच पानेका सवा छह रुपयेमें ।
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