Book Title: Anekant 1944 Book 06 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 420
________________ वीरसेवामन्दिरको सहायता १ ) मा इस वर्षकी दूसरी किरण (सितम्बर ३) में प्रकाशित (चि. पुत्र रघुवीरसरनके विवाहकी खुशीमें)। सहायताके बाद, वीरसेवामन्दिर सरसावाको भनेकान्त ६)ला. माधोलाबजी बैन मई मंडी मुजफरनगर सहायता और सदस्य कीसके अलावा जो दूसरी फुटकर (चि. पुनपमप्रसावके विवाहकी शीमें)। सहायता प्राप्त हुई है वह क्रमशः निम्न प्रकार है, और ५)बा. खूटेलाबजी जैन, मालिकफर्म अन्दनबाल इसके लिये दातार महोदय धम्यवादके पात्र हैं: कालूराम, पानीपत १०.) खा. बाबूराम अकलंकप्रसावजी जैन संस तिस्सा १००)मुनि श्रीसि खिसागरजी महाराज जयपुरकी तरफसे जि. मुजफ्फरनगर (लायब्रेरीके वास्ते हस्तलिखित (ग्रन्थ प्रकाशनार्थ) । ग्रंथ खरीदने के लिये, जो खरीदेजाचुके हैं)। २१) ना. दीपचन्दजी जैन (अम्बहटायाले) भोवरसियर १०) श्री पं० चदि. जैनमन्दिर वधीचन्दजी जैन जयपुर नहर कानपुर और ग. श्रीचन्द (सरसावानिवासी) (ग्रन्थप्रकाशनार्थ) जैन संगल, एटा (पुत्र चि. देवेन्द्रकुमार और १.१)श्रीमतीरामीबाई धर्ममपानी स्व.ला. सुन्दरलाल जी पुत्री चि. चन्द्रकुमारीके विवाह की खुशीमें)। जैन रईस नानौता जि. सहारनपुर। ला. शम्भूदयाल दीपचन्दजी जैन मेरठ (पुत्रविवाद: १)ला. जिनेश्वरदासजी जैन सर्राफ, देडगइन की खुशी)मार्फत खा. जोतीप्रसावजी धीवावेहली। २) बा. रत्नत्रयधारी जैन करोलबाग, देहली। ५) ला. धूमीमल धर्मदासजी जैन कागजी. देहली ४३) बाबू छोटेलालजी जैन रईस, कलकत्ता (पफरखर्च- (पुत्रीके विवाहकी खुशीमें) मा. लालाजी। की सहायतार्थ) ४) ला. दीपचन्दजी जैन सहारनपुर और जाहीरालाल जी ६)ला. इन्द्रसेनजी जैन टिम्बरमर्चेन्ट अब्दुल्लापुर जि. जैन अजमेर (पुत्र-पुत्रीके विवाहकी खुशी में) मार्फत अम्बाला (लायबरेरी के लिये)पुत्रीके विवाहकी खुशी में उक्त लाला जोतीप्रसादजी। २)बा. जगदीशप्रसादजी जैन श्रोवर सियर. सरसावा २१) ला. गुलाबचन्द ताराचन्दजी जैन, बेलनगंज, आगरा (भाई कपूरचंदके विवाहकी घुडचढीपर)। (चि. हृदयमोहनके विवाह की खुशीमें)। ७)ला. ब्रजनन्दनप्रसाद, मुन्नीलालजी जैन, मुगदाबाद ५०१m) अधिष्ठाता 'वीरसेवामन्दिर अनेकान्तको सहायता ली जनवरीसे १५ जून सन १६४४ तक || महीने १४) बा. जगतप्र सादजी जैन, खमियानगर । के अन्दर जो सहायता 'अनेकान्त' को उसके हेमाफिस ५) पा. प्रभुलालजी जैन प्रेमी, पोहरी जि. ग्वालियर सरसाचामें प्राप्त हुई। वह क्रमशः निम्नप्रकार है, और (भाई घनसुंदरके विवाहकी खुशी में)। इसके लिये दातार महोदय धन्यवादके पात्र हैं:- ..) बा. दीपचंदजी जैन, भोवरसियर नहर कानपुर और २) बा. मनोहरनाथजी जैन वकील, बुलन्दशहर (पिता सा. श्रीचन्द्र जैन संगला, पटा(पुत्र-पुत्रीके वि०खुशी में) श्री भोलानाथजी मुख्तारके स्वर्गवासके उपक्षाचमें)। ") बा. गुलाबचन्दजी जैन, बेलनगंज, मागरा (चि. ३॥) बाबरतनचन्द हुम्बीलालजी जैन, छुटास जि. मंडला हृदयमोहनके विवाहकी खुशी में)। सा मेमचन्द अभयकुमारजीजैन बर्तनवाजे, माहिया- .) खा.शांतिकुमारजी विका, सांभरलेक(वि०कीखुशीमें) गंज लखनऊ(विवाहमें दोनों प्रोरसे निकाले हुए दानमेंसे) २)पं. श्री प्रकाशजी, जयपुर (विवाहकी खुशी में)। ) बा. मक्खनलालजी जैन ठेकेदार, दरियागंज, देखली .) सेठ सचमीचंदजी जैन बी.ए., शाहदरा वेहली (पुत्र विवाहकी खुशी में)। (धर्मपत्नीके स्वर्गवास पर) ५) बा.न्यावरमख सूरजभानजीजैन, पहाबी धीरज, देहली २०) खा. जिनेन्द्रचंद्रजीजन, खखनऊ(पिता जीके स्वर्ग०पर) .) बा. विमलप्रसादजी जैन सदर बाजार, वेहली। .00) अधिष्ठाता 'वीरसेवामन्दिर'

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