________________
सम्मान समारोह का विवरण
(ले-श्री एक पत्रकार )
जब पहले पहल श्री जुगलकिशोर सम्मान-समिति मालासे श्री पं० जुगलकिशोर मुख्तारका सत्कार किया की स्थापनाका समाचार जनताके सामने आया और और उन्हें महारनपुर चलनेका समितिकी ओरसे ५ दिसम्बरको होनेवाले सम्मान समारोहकी चर्चा निमन्त्रण दिया। प्रारम्भ हुई, तो समाजके अनक 'बुद्धिमान और १॥ बजेकी गाड़ीसे समारोहके सभापति श्री समझदार व्यक्तियोंने कुछ इम ढंगकी आलोचना की, राजेन्द्रकुमारजी पधारे। समितिके सदस्यों और नगरके जैसे यह कोई असम्भव कल्पना हो, बेतुकी उड़ान हो प्रमुख पुरुषोंने स्टेशन पर उनका पुष्पहारोंमे स्वागत और मजनुओका अखाड़ा हो। इसके बाद वह सतह किया। स्टेशनके बाहर जैन हाईस्कूलका बैण्ड वज श्राई, जब लोगोंने सुना कि भारत बैंकके मैनेजिंग रहा था। द्वार पर हाईस्कूल के स्का:टोंने सभापतिको डायरेक्टर और प्रसिद्ध व्यापार
'गार्ड आफ आनर' दिया। इस शास्त्री श्री राजेन्द्रकुमारजी इस
समयका दृश्य अत्यन्त भव्य सत्सवका सभापतित्व करने श्रा
था । समितिक सदस्योंस मभारहे हैं और उन्होंने इम उत्सव
पतिका परिचय कगर गया। की महानताकी एक झांकी ने
चार घोड़ोंकी गाड़ी में मनमें ली। पत्रों में तुरन्त छपा
मभापनिजी थे और दुमरी कि भारतीय दिगम्बर जैन परि
गाड़ियों एवं कारोंमें दूसरे पदकी मीटिग भी उम अवमर
अतिथि थे । मब लोग स्टेशन पर बुलाई गई है और अनेक
मे लाला ऋषभसैनजीसी कोठी विद्वान पधार रहे हैं, तो उन
पर मुख्तार महादयके स्वागतार्थ बुद्धिके स्तूगेंने भी मान लिया
पहुँचे । श्री राजेन्द्रकुमारजी, - कि हां, यह कुछ होरहा है और
और दूसरं अतिथियों के साथ श्रद्धालु जनतामें तो उत्साहकी
समितिके सदस्योंने मुख्तार एक लहर ही लागई। जहां मैं
साहबका मालाओंसे स्वागत गया, मैंने अनुभव किया कि
किया। राजेन्द्रकुमारजी जिस लोग माकुलतासे ५ दिमम्बरकी श्री बा लालचन्दजं. जैन, रोहतक श्रद्धाभावमें विभोर हो, परित प्रतं.क्षा कर रहे हैं। उस दिन वे कुछ नई बात सुनने, जीसे मिले, उसने सारे वातावरणको श्रद्धामे अभिनया दृश्य देखनेको उत्सुक थे।
पिक्त कर दिया । बैण्ड बज रहा था और उसकी स्वर५दिसम्घर : सहारनपुरक मार्वजनिक जीवनका माधुरीमें नहायेस मब लोग सड़े थे। इस उत्सवका एक जागृति-पर्व !
यह एक स्वर्गीय दृश्य था । सभापतिजी मुख्तार महो. मुत्सवका प्रारम्भ ५ दिसम्बरको प्रातः १० बजे दयको साथ लेकर स्वागताध्यक्षके भवन में चले गये हुधा, जब सेकसरिया पारितोषिक विजेत्री श्रीमती और शेष प्रमुख अतिथियोंने यहीं ला० ऋषभसैनके चन्द्रवती ऋषभसैन जैन बारसेवामन्दिर सरसावा निमन्त्रण पर भोजन किया । पहुँची और उन्होंने तिलक, अक्षत, नारियल और भोजनके समयका एक संस्मरण उल्लेखनीय है।