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छठे वर्ष में अनेकान्तके और सहायक
गत दो किरणोंमें प्रकाशित सहायता के बाद जो और सहायता नकद तथा वचनरूप में प्राप्त हुई हैं और जिनके जिये सहायक महाशय धन्यवादके पात्र हैं उसकी सूची सहायकोंके शुभ नाम सहित इस प्रकार है
५) सेठ वंशीधरजी जैन सतना ( नई दुकान खोलने की खुशी ) ।
२) सेठ श्रीपाल हीरालालजी जैन काला कनौज ( माता जीके स्वर्गवासके उपलक्ष्य में) ।
२) सेठ नेमीचंदजी बी० सेठी (झालरापाटनवाले) मऊ । १७) पेठ गुलाबचंदजी टोंग्या, इन्दौर (पहलेकी २५ रु० ) की सहायताके अतिरिक्त) *
८) सिंघई नन्दनलालजी मालगुजार बीना-इटावा (सागर) ४) पेठ कोमलचंदजी जैन सतना (रीवां)*
१४) ला०] मिरसेनजी जैन (रि० मुनसरिम मुजफ्फरनगर)* (१४) गयबहादुर नान्दमलजी जैन अजमेर 1*
१४) चौ० संतूलाल हुकमचंदजी जैन, कटनी |
१४) बा० जुगलकिशोरजी जैन कागजी देहली ।* १४) ला० सुलतानसिंहजी जौहरी, देहली 1
१४) ला० पी० एल० बच्चूमलजी कागजी, देहली 1* २१) बा० महेन्द्रकुमारजी जैन रईस नानौता सहारनपुर ।* २१) श्री भँवरलालजी छावड़ा (मेसर्स भँवरलालटीकमचंद )
भेलसा 1
२५) बा० महावीरप्रसादजी जैन, महावीर स्वदेशी भण्डार, सरधना (मेरठ) | ( पहली २१) रु० की सहायताके अतिरिक्त) *
नोट- जिनके आगे * यह चिन्ह लगा है उनकी ओरसे अनेकान्त श्रजैनादि संस्थाओं तथा खास खास विद्वानों की जारहा है । १४) रु० की सहायतामें चारको फ्री भिजवाया जा सकता है । व्यवस्थापक
भूलसुधार
पिछली किरण के तृतीय टाइटिल पेजपर ला० दलीपसिंहजी कागजी की ओरसे जो ३५) रु० की सहायता वपी है उसे पाठक १४) रु० समझे । उसमें कुछ सहायता दूसरोंकी ओरसे थी, हाल में उन्होंने दूसरोंकी सहायताको ४२) रु० कर दिया है और देहलीके तीन सज्जनोंके नाम उसके लिये भेज दिये है जो सहायताकी सूची में दर्ज हैं। -व्यवस्थापक
अनेकान्त-साहित्यके प्रचार की योजना
अनेकान्तमें जो महत्वका उपयोगी ठोस साहित्य निकलता है, हम चाहते हैं उसका जनतामें अधिकाधिक रूप से प्रचार होवे । इस लिए यह योजना की गई है कि चतुर्थं वर्ष और पोंच वर्ष के विशेषाङ्कोंको, जिनकी पृष्ठसंख्या क्रमशः १२० व १०४ और मूल्य ॥ ) व ॥ =) है, नाममात्र के मू०|) व = ) पर वितरण किया जावे | अतः दानी महाशयों को मंदिरों, लायब्रेरियों, परीक्षोत्तीर्ण विद्याथियों और अजैन विद्वानों आदिको भेंट करनेके लिये चाहे जिस अंककी २२. ५०, १०० कापियों एक साथ मँगाकर प्रचार कार्य में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिये । प्रचारार्थ पोष्टेज भी नहीं लिया जायगा ।
बीरमेवामन्दिर सरसावा जि० सहारनपुर
आवश्यकता
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वीरमेवामन्दिरको दो ऐसे सेवाभावी योग्य विद्वानोंकी अवश्यकता है जिनमेंसे एक हिसाब किताबके काम में निपुया हो- - बाकायदा हिसाब-किताब रखते हुए वीर सेवामन्दिर की सारी सम्पत्तिकी अच्छी देख-रेख और पूरी संभाल रख सके | दूसरे विद्वान संस्कृत, प्राकृत और हिन्दीके प्रूफ रीडिंग तथा पत्र-व्यवहारके काममें दक्ष होने चाहियें और यदि वे संस्कृत, प्राकृत तथा अंग्रेजीका हिन्दी में अच्छा अनुवाद भी कर सकते हों तो ज्यादा बेहतर है । वेतन योग्यतानुसार दिया जायगा । जो विद्वान आना चाहें उन्हें पूरे परिचय के साथ नीचे लिखे पते पर पत्र व्यवहार करना चाहिये ।
छोटेलाल जैन ( कलकत्ता वाले ) सभापति 'वीरमेवामन्दिर समिति' सरसावा जि० सहारनपुर प्रचारक चाहिये
अनेकान्तके बढ़ते हुये प्रचार कार्य के लिये एक ऐसे योग्य प्रचारककी आवश्यकता है जो स्थान २ पर जाकर इसके स्वाध्यायकी प्रेरणा कर सके और कार्यालय में भी रहकर कार्यमें योग दे सके ।
उन्हें कहीं से भी चन्दा माँगना न पढ़ेगा । वेतन योग्यतानुसार दिया जायेगा ।
-व्यवस्थापक