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प्रा. मा. सा. श्री नीतिसूरीश्वरजी के प्रशिष्य प्रा. म.
श्री १००८ श्री महेन्द्रसूरीजो का
प्राशीर्वाद ! महात्मा फतहचन्द भाई ने हिन्दी भाषा में अध्यात्म कल्पद्रुम के उपर जो विवेचन लिखा है वह आकर्षक है। यदि वह छापा जाय तो जनता को बहुत उपयोगी होगा ऐसा मैं मानता हूं। उन्होंने हृदय के उत्साह से निःस्वार्थ भाव से यह पुस्तक लिखी है जो उत्साह देने योग्य है। यति हित शिक्षा प्रकरण आदि मैंने देखा है ।
० प्रा० वि० महेन्द्रसूरिम सं. २०१५ चैत्र सुद १३
अहमदाबाद