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विषयानुक्रमणिका :: 47
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आस्रव का उपसंहार पुण्य-पाप का परस्पर भेद एवं समानता आस्रव तत्त्व को जानने का फल
पाँचवाँ अधिकार
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मंगलाचरण और विषय-प्रतिज्ञा बन्ध के हेतु क्या हैं मिथ्यात्व ऐकान्तिक मिथ्यात्व का लक्षण सांशयिक मिथ्यात्व का लक्षण विपरीत मिथ्यात्व का लक्षण आज्ञानिक मिथ्यात्व का लक्षण वैनयिक मिथ्यात्व का लक्षण अविरति का स्वरूप प्रमाद का स्वरूप कषाय का विवरण योग का वर्णन बन्ध का स्वरूप कर्म, आत्मा का गुण नहीं है कर्म की मूर्तिमत्ता मूर्तिकता का हेतु अमूर्तिक से मूर्तिक बनने की युक्ति संसारी जीव को मूर्तिक ठहराने का अनुमान कर्मों का विशेष स्वरूप प्रकृतिबन्ध के भेद कर्मों के उत्तर भेद ज्ञानावरण के पाँच भेद दर्शनावरण के नौ भेद वेदनीय के दो भेद मोहनीय के अट्ठाईस भेद आयुकर्म के चार भेद नामकर्म के तिरानबे भेद गोत्रकर्म के दो भेद अन्तरायकर्म के पाँच भेद बन्ध योग्य कर्म
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