Book Title: Tattvartha Sara
Author(s): Amitsagar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 409
________________ प्रज्ञाश्रमण मुनिश्री अमितसागर जन्म : 26 जून, 1963 को पावनभूमि दुगाहाकलाँ, जिला : सागर (म.प्र.) में श्री गुलाबचन्द जैन के घर श्रीमती समित्राबाई जैन (वर्तमान में आर्यिका प्रवेशमती माताजी) की मंगल कुक्षी से जन्म। दीक्षापूर्वनाम अजितकुमार। श्री पार्श्वनाथ दि. जैन गुरुकुल, खुरई (सागर) से हाईस्कूल (कृषि विज्ञान) की शिक्षा। हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत, अंग्रेजी एवं अन्य प्रान्तीय भाषाओं का परिज्ञान। आचार्यकल्प श्री श्रुतसागर जी से मुनिधर्म की शिक्षा पाकर विजयादशमी, दिनांक 4 अक्टूबर 1984 को अजमेर (राज.) में आचार्यरत्न धर्मसागर जी महाराज से मुनि-दीक्षा। प्रकाशित कृतियाँ : 'मन्दिर' (अंग्रेजी, कन्नड़, गुजराती एवं मराठी में भी प्रकाशित); 'नैतिकता के आदर्श', बालविज्ञान-पाँच भागों में (जैन चित्रकथाएँ), 'आँखिन देखी आत्मा', 'अनुत्तर यात्रा' (प्रवचन संकलन); 'बोलती माटी' (महाकाव्य); 'धर्मविज्ञान में सम्मेदशिखर', 'जिन कामदेव जिन बाहुबली पूजा'; 'अजेय दिगम्बरत्व जय गोम्मटेश!' आदि। सम्प्रति स्वाध्याय एवं आत्मसाधना में संलग्न। Jain Educationa International www.jainelibrary.org For Personal and Private Use Only TRENDINESS

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