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द्वितीय अधिकार :: 91
अर्थ - 1. गंगा - सिन्धु, 2. रोहित्- रोहितास्या, 3. हरित् - हरिकान्ता, 4. शीता - शीतोदा, 5. नारीनरकान्ता, 6. सुवर्णकूला - रूप्यकूला, 7. रक्ता - रक्तोदा - ये चौदह नदियों के सात जोड़े हैं। क्रम से ये सातों जोड़े सात क्षेत्रों में बहते हैं।
नदियों का प्रवाह किस दिशा में है ?
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अर्थ - प्रत्येक क्षेत्र की पूर्व पश्चिम दिशाओं में समुद्र हैं। नदियाँ जो प्रत्येक क्षेत्र में बहनेवाली दो-दो कही गयी हैं उनमें से पहली पहली पूर्व समुद्र में जाकर मिलती हैं और दूसरी - दूसरी बहते हुए पश्चिम समुद्र की तरफ जाती हैं। गंगा सिन्धु इनमें से प्रत्येक नदी में दूसरी छोटी-छोटी चौदह - चौदह हजार नदियाँ आकर मिलती हैं। आगे के तीन जोड़ों में इनसे दूनी दूनी नदियाँ मिलती हैं। उससे भी आगे के तीन जोड़ों में फिर आधी-आधी संख्या कम होती गयी
पूर्वसागरगामिन्यः पूर्वा नद्यो द्वयोर्द्वयोः । पश्चिमार्णवगामिन्यः पश्चिमास्तु तयोर्मताः ॥ 204 ॥ गंगासिन्धू परीवारः सहस्राणि चतुर्दश । नदीनां द्विगुणास्तिस्त्रस्तिसृतोऽर्द्धार्द्धहापनम् ॥ 205 ॥
भरतआदि क्षेत्रों का विस्तार
अर्थ - एक सौ नब्बे की संख्या से लाख योजन जम्बूद्वीप का विभक्त करने पर जो एक भाग का परिमाण हो उतना दक्षिण, उत्तर दिशा में भरतक्षेत्र का विस्तार है । विदेहपर्यन्त आगे के पर्वत एवं क्षेत्र सब दूने - दूने विस्तारयुक्त हैं । विदेह से आगे के आधे-आधे कम होकर आधे-आधे विस्तारयुक्त हैं ।
दशोनद्विशतीभक्तो, जम्बूद्वीपस्य विस्तरः ।
विस्तारो भरतस्यासौ, दक्षिणोत्तरतः स्मृतः ॥ 206 ॥ द्विगुण द्विगुणा वर्षधरवर्षास्ततो मताः । आविदेहात्ततस्तु स्युरुत्तरा दक्षिणैः समाः ॥ 207 ॥
एक लाख योजन के एक सौ नब्बे भाग करने पर पाँच सौ छब्बीस पूर्ण योजन तथा एक योजन के उन्नीस भागों में से छह भाग (अपूर्णांश) आते हैं । यही भरतक्षेत्र का दक्षिणोत्तर विस्तार है | विदेह पर्यन्त सभी पर्वत तथा क्षेत्रों का विस्तार भरतक्षेत्र के हिसाब से दूना - दूना रख लें तथा विदेह से आगे का आधा-आधा कर दें तो सातों क्षेत्र तथा छहों पर्वतों का सब विस्तार एक लाख योजन हो जाता है और भाग सब एक सौ नब्बे हो जाते हैं। योजनों का व भागों का जोड़ लगाकर देखिए
भाग—1+2+4+8+16+32+64+32+16+8+4+2+1= ( मिलकर) 190 हुए। योजन - 526/
1052 12/ 8421/ हैं।
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+ 2105 5/ +4210 10/+ 8421 / + 16842 2/ +33684 +/+16842 2/+
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+ 4210 10% + 2105 5 / + 105212/ + 526 / . = ( मिलकर एक लाख) 100000 होते
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