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व० ख० ६. अग्रहणद्रव्यवर्गणा ७. तेजसद्रव्यवर्गणा ८. अग्रहणद्रव्यवर्गणा ६. भाषाद्रव्यवर्गणा १०. अग्रहणद्रव्यवर्गणा ११. मनोद्रव्यवर्गणा १२. अग्रहणद्रव्यवर्गणा १३. कार्मणद्रव्यवर्गणा १४. ध्रुवस्कन्धद्रव्यवर्गणा १५. सान्तर-निरन्तरद्रव्यवर्गणा १६. ध्रुवशून्यद्रव्यवर्गणा १७. प्रत्येकशरीरद्र व्यवर्गणा १८. ध्र वशून्यद्रव्यवर्गणा १९. बादरनिगोदद्रव्यवर्गणा २०. ध्रु वशून्यद्रव्यवर्गणा २१. सूक्ष्मनिगोदद्रव्यवर्गणा २२. ध्र वशून्यद्रव्यवर्गणा २३. महास्कन्धद्रव्यवर्गणा
क. प्र. ३. अग्रहणवर्गणा ४. तेजसवर्गणा ५. अग्रहणवर्गणा ६. भाषावर्गणा ७. अग्रहणवर्गणा ८. मनोद्रव्यवर्गणा ६. अग्रहणवर्गणा १०. कामणवर्गणा ११. ध्र वअचित्तवर्गणा १२. अध्र वअचित्तवर्गणा १३. ध्र वशून्यवर्गणा १४. प्रत्येकशरीरवर्गणा १५. ध्रुवशून्यवर्गणा १६. बादरनिगोदवर्गणा १७. ध्र वशून्यवर्गणा १८. सूक्ष्मनिगोदवर्गणा १६. ध्र वशून्यवर्गणा २०. महास्कन्धवर्गणा
विशेषता
(१) १० ख० में एकप्रदेशिकपरमाणु पुद्गलद्रव्य वर्गणा, द्विप्रदेशिकपरमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणा, इसी प्रकार त्रिप्रदेशिक-चतुःप्रदेशिक-पंचप्रदेशिक आदि संख्येयप्रदेशिक, असंख्येयप्रदेशिक, परीतप्रदेशिक, अपरीतप्रदेशिक, अनन्तप्रदेशिक, अनन्तानन्तप्रदेशिक परमाणुपुद्गल द्रव्यवर्गणा; ऐसा उल्लेख किया गया है।'
धवलाकार वीरसेन स्वामी ने उनकी गणना इस प्रकार की है-(१) एकप्रदेशिक परमाणु पुद्गलद्रव्यवर्गणा, (२) संख्येयप्रदेशिक परमाणुपुद्गलद्रव्य वर्गणा, (३) असंख्येयप्रदेशिक परमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणा, और (४) अनन्तप्रदेशिक परमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणा । परीत-अपरीतप्रदेशिक परमाणुपुद्गल-द्रव्यवर्गणाओं का अन्तर्भाव उन्होंने अनन्तप्रदेशिक परमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणाओं में किया है। कर्मप्रकृति में इस प्रसंग से सम्बद्ध गाथा इस प्रकार है
परमाणु-संखऽसंखाणंतपएसा अभव्वणंतगुणा।
सिद्धाणणंत भागो आहारगवग्गणा तितणू ॥ -बन्धनक०, गा० १८ इस गाथा के प्रारम्भ में ष० ख० के समान ही परमाणु, संख्येय, असंख्येय और अनन्त
१. ख० सूत्र ५, ६, ७६-७८ (पु० १४) २. धवला पु० १४, पृ० ५७-५६
१६४ / षट्खण्डागम-परिशीलन
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