Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 961
________________ सोमरुचि १३/११५,१४१ संघात ६/२३; १२/४८०; १३/२६०; सौद्धोदनि १३/२८८ १४/१२१ सौधर्म ४/२३५ संघातज १४/१३४ सौधर्मइन्द्र ६/११३,१२६ संघातनकृति ६/३२६ सौधर्मविमान ४/२२६,२३५ संघातनपरिशातन १/३२७ सौधर्मादि ४/१६२ संघातसमास ६/२३, १२/४८० संक्रम १६/४६५ संघातसमासश्रुताज्ञान १३/२६६ संक्रमण ५/१७१; ६/१६८ संघातसमासावरणीय १३/२६१ संक्रममार्गणा १६/५१६ संघातावरणीय १३/२६१ संक्रमस्थान १२/२३१; १६/४०८ संघातिम ६/२७२,२७३ संकर ६/२४० संचय ५/२४४,२७३ संकरअनुयोगद्वार ६/२३४ संचयकाल ५/२७७ संकलन ४/१४४, १६६; १०/१२३ संचयकालप्रतिभाग ५/२८४ संकलनसूत्र ३/६१,९३. संचयकालमाहात्म्य ५/२५३ संकलनसंकलना १०/२०० संचयराशि ५/३०७ संकलना ४/१५६१३/२५६ संचयानुगम १०/१११ संकुट १/१२० संज्वलन ६/४४; ८/१०; १३/३६० संक्लेश ६/१८०; ११/२०९,३०६ संज्ञ १/१५२ संक्लेशक्षय १३/२४४,३३२,३३३,३४१ संक्लेशस्थान ११/२०८ संज्ञी १/१५२; २५६, ७/७,१११, संक्लेशावास १०/५१ ८/३८६ संख्या ३/७ संदन १४/३६, संख्यात ३/२६७; १३/३०४;३०८ संदृष्टि ३/८७,१६७ संख्यातगुणवृद्धि ११/३५१ संनिकर्ष १२/३७५ संख्यातभागवृद्धि ११/३५१ संनिवेश १३/३३६ संख्यातयोजन १३/३१४ संपातफल १३/२५४ संख्यातवर्षायुष्क ८/११६; १०/२३७' संप्राप्तित: उदय १४/२८६ संख्यातीतसहस्र १३/३१५ सम्बन्ध १४/२७ संख्येयगुणवृद्धि ६/२२,१६६ संभव १४/६७ संख्येयभागवृद्धि ६/२२,१६६ संभिन्नश्रोता ५/५६,६१,६२ संख्येयराशि ४/३३८ संयत ७/६१; ८/२६८ संख्येयवर्षायुष्क ११/८६ संयतराशि ४/४६ संग्रह १/८४ संयतासंयत १/१७३; ७/६४; संग्रहकृष्टि ६/३७५ ८/४,३१० संग्रहनय ६/६६,१०१,१०४; ६/१७०; संयतासंयतउत्सेध ४/१६६ १३/४,५,३६,१६६ संयतासंयतगुणश्रेणि १५/२६७ संघवयावृत्य १३/६३ संयतासंयतस्वस्थानक्षेत्र ४/१६६ १६/३७० संज्ञा परिशिष्ट ७ / ६०५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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