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पं. बालचन्द्र शास्त्री
जन्म : ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या, वि. सं. १६६२ (ई. सन् १६०५, ग्राम सोंरई, जिला ललितपुर (उ. प्र.) । शिक्षा : स्याद्वाद महाविद्यालय, वाराणसी से जैन न्यायतीर्थ और सिद्धान्तशास्त्री ।
अध्यापन : पन्नालाल जैन विद्यालय, जारखी (आगरा) एवं ऋषभ ब्रह्मचर्याश्रम मथुरा आदि में (सन् १६२६-४०)। साहित्यिक कार्य : सम्पादन एवं अनुवाद - सेठ शिताबराय लक्ष्मीचन्द जैन साहित्योद्धार फण्ड, अमरावती से - षट्खण्डागम (धवला सहित) भाग ६ से १६ तक । जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर से -तिलोयपण्णत्ती, भाग-१, २; जम्बूदीवपण्णत्ती, आत्मानुशासन, पद्मनन्दिपंचविंशति, लोकविभाग, पुण्याश्रवकथाकोश, ज्ञानार्णव, धर्मपरीक्षा आदि । वीरसेवा मन्दिर, दिल्ली से -जैन लक्षणावली (जैन पारिभाषिक शब्दकोश भाग १,२,३), ध्यानशतक और ध्यानस्तव । भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली से - श्रावक - प्रज्ञप्ति और यह 'षट्खण्डागमपरिशीलन' ।
सम्मान एवं उपाधि : १६६८ में 'लोकविभाग' के सम्पादन के लिए सागर में विद्वत् परिषद् के तत्त्वावधान में, भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा विशेष पुरस्कार से; १६७४ में वीरनिर्वाण भारती, मेरठ द्वारा स्वर्णपदक तथा मानद उपाधि 'धर्मदिवाकर' से; १६८० में जैन समाज सागर द्वारा रजत प्रशस्तिपत्र से; १६८३ में पद्मश्री सुमतिबाई विद्यापीठ, सोलापुर द्वारा 'सिद्धान्तभूषण' मानद उपाधि से तथा १६८५ में फिरोजाबाद में दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद् एवं दिगम्बर जैन महासमिति द्वारा प्रशस्तिपत्र ।
हैदराबाद में देहावसान ।
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