Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 967
________________ संकेत प्रकाशक प्रकाशनकाल पं०का० ग्रन्थनाम पंचास्तिकाय (कुन्दकुन्द भारती) पात्रकेसरिस्तोत्र पात्रके० वि० सं० १९७५ मा० जन ग्रन्थमाला, बम्बई (तत्त्वानुशासनादि संग्रह) (न्यायकुमुदचन्द्र के अनुसार) निर्णयसागर मंत्रालय, बम्बई ई० सन् १९१२ प्रमाणवा० प्रमाणवातिक प्रमेयक प्रमेयकमलमार्तण्ड प्रव०सा. प्रवचनसार (कुन्दकुन्द भारती) प्रा०शशा० प्राकृतशब्दानुशासन बृहद्र० बृहद्रव्यसंग्रह वीरनि० २४८१ वीरनि० २४५१ बृहत्स्व० भ० आ० बृहत्स्वयम्भूस्तोत्र भगवती आराधना जैन संस्कृति सं०सं०, सोलापुर ब्र० रतनचन्द्र जी मुख्तार द्वारा सम्पादित पन्नालाल चौधरी, बनारस बलात्कार पब्लिकेशन सोसाइटी, कारंजा (कुन्दकुन्द भारती से) भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली मा० दि० जैन ग्रन्थमाला ई० सन्० १६३५ भा० प्रा० म०ब० मूला० भावप्राभृत महाबन्ध मूलाचार भाग १ वि० सं० १९७७ , १९८० युक्त्यनु० युक्त्यनुशासन पन्नालाल चौधरी, बनारस वीर० नि० २४८१ रत्नक० रत्नकरण्डश्रावकाचार मा० दि० जैन ग्रन्थमाला, बम्बई वि० सं० १९८२ लघीय० लघीयस्त्रय , १९७२ लोकवि० लोकविभाग जैन सं० सं०, सोलापुर वसु०श्रा० वसुनन्दिश्रावकाचार भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली ई० सन् १९५२ विबुध ०श्रु० विबुधश्रीधरश्रुतावतार मा० दि० जैन ग्रन्थमाला, बम्बई वि० सं० १९७६ (जैन सिद्धान्तसारा दिसंग्रह) व्याख्याप्र० व्याख्याप्रज्ञप्ति गुजरात विद्यापीठ (गुजरात (भगवती सूत्र) पुरातत्त्वमन्दिर ग्र०), अहमदाबाद शास्त्रवा० शास्त्रवार्तासमुच्चय जनधर्मप्रसारक सभा, भावनगर वि० सं० १९६४ श्रा०प्र० श्रावक प्रज्ञप्ति भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली श्रुताव श्रुतावतार (इन्द्रनन्दी) मा० दि० जैन ग्रन्थमाला, (तत्त्वानुशासनादिसंग्रह) बम्बई वि० सं० १९७५ सन्मतित० सन्मतितके प्रकरण जैन धर्मप्रसारक सभा, भावनगर , १९६४ समवा० समवायांगसूत्र झवेरचन्द ठे० भट्टिनीवारी, अहमदाबाद ई० सन् १९३८ षट्खण्डागम में प्रयुक्त ग्रन्थों की अनुक्रमणिका / ६११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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