Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 922
________________ केवल कृष्ण ६/२४७ क्रोध १/३५०; ६/४१; १२/२८३ कृष्णनीलकापोततेजपद्मशुक्ललेश्या १४/११ क्रोधकषाय १/३४६% ७/८२ कृष्णलेश्या १/३८८; ७/१०४; ८/३२०; क्रोधकषायाद्धा ४/४४४ १६/४८४,४८८,४६० क्रोधमानमायालोभभाव १४/११ कृष्णवर्णनाम १३/३७० क्रोधसंज्वलन १३/३६० कृष्णवर्णनामकर्म क्रोधाद्धा ४/३६१ कृष्णादिमिथ्यात्वकाल ४/३२४ क्रोधोपशामनाद्धा ५/१६० ८/२६४ केवलकाल ६/१२० केवलज्ञान १/९५,१६१,३५६,३६०, ३८५४/३६१, ६/२६,३३, क्षण ४/३१७, १३/२६५,२६६ ४८६,४६२; १०/३१६; क्षणलवप्रतिबोधनता ८/७६,८५ १३/२१२,२४५; १४/१७ क्षणिकै कान्त ६/२४७ केवलज्ञानावरणीय १३/२०९,२१३ क्षपक ४/३५४,४४७; ५/१०५,१२४, केवलज्ञानी ७/८८; ८/२६६, ६/११८ . २६०; ७/५; ८/२६५; ६/१० केवलदर्शन १/३८१, ४/३६१, ६/३३ क्षपकश्रेणी ४/३३५,४४७; ५/१२, ३४; १०/३१६; १३/३५५; १०६; १०/२६५; १२/३० १४/१७ क्षपकश्रेणीप्रायोग्यविशुद्धि ४/३४७ केवलदर्शनी ७/६८,१०३, ८/३१६; क्षपकदश ५/१५६,१६० ९/११८ क्षपण १/२१६ केवललब्धि ६/११३ क्षपित केवलिसमुद्घात ४/२८, ६/४१२, क्षपितकांशिक ६/२५७; ६/३४२ ७/३०० ३४५; १०/२२,२१६; केवली ६/२४६, ७/५; १०/३१६ १२/११६,३८४,४२६ केशत्व ६/४८६,४९२,४६५,४६६ क्षपितघोलमान १०/३५,२१६; कोटाकोटी ३/२५५; ४/१५२ १२/४२६ कोटि १३/३१५ क्षय ५/१६८,२०२,२११,२२०; कोटी ४/१४ ७/83; ६/८७,६२ कोष्ठबुद्धि 8/५३,५४ क्षयोपशम ७/६२ कोष्ठा १३/२४३ क्षयोपशमलब्धि ६/२०४ क्रमवृद्धि १०/४५२ क्षायिक १/१६१,१७२; ७/३०; क्रमहानि १०/४५२ ६/४२० क्रिया १/१८; १३/८३ क्षायिकचारित्र १४/१६ क्रियाकर्म १३/३८,८८ क्षायिकपरिभोगलन्धि १४/१६ क्रियावाददृष्टि ६/२०३ क्षायिकभोगलब्धि १४/१७ क्रियाविशाल १/१२२; ६/२२४ क्षायिकलब्धि ७/६० ८६६ / षट्खण्डागम-परिशीलन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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