Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
View full book text
________________
देशोन लोक
देशोपशम
दैत्य
दोष
द्रव्य
द्रव्य उत्कृष्ट
द्रव्य उपक्रम
१/८३,३८६; ३/२, ५, ६, ४/३३१, ३३७; १३/६१,२०४३२३; १५/३३
११/१३
१५/४१
द्रव्य उपशामना
द्रव्यकर्म
द्रव्यकाल
द्रव्यकृति
द्रव्य क्रोध
द्रव्यक्षेत्र
द्रव्य छेदना
द्रव्य जघन्य
द्रव्यार्जन
द्रव्यतः आदेश जघन्य
द्रव्यत्व
द्रव्यनिबन्धन
द्रव्यपरिवर्तन
द्रव्यप्रकृति
द्रव्यप्र क्रम
द्रव्यप्रमाण
द्रव्यप्रमाणानुगम
द्रव्यबन्ध
द्रव्यबन्धक
द्रव्यभावप्रमाण
द्रव्यमन
द्रव्यमल
द्रव्यमोक्ष
द्रव्य मंगल
द्रव्ययुति
द्रव्यलिंग
द्रव्यलिंगी
४ / ५६
६ / २४१
Jain Education International
४ / १८
१४ /११
द्रव्यलेश्या
८७६ / षट्खण्डागम-परिशीलन
१५/२७५
१३ / ३८,४३
४ / ३१३
६/२५०
द्रव्यान्तर
७/८२ द्रव्यानन्त
४/३ द्रव्यानुयोग द्रव्यार्थता
१४ / ४३५ ११/१२,८५ द्रव्यार्थिक
६/६ ११/१२
४/३३६
१५/२
४/३२५
१३ / १६८,२०३
१५/१५
३/१०
३/१,८, १३/६३
१४ / २७
द्रव्यवर्गणा
द्रव्यविष्कम्भसूची
द्रव्यवेदना
द्रव्यश्रुत
द्रव्यसूत्र
द्रव्यस्पर्श
द्रव्यस्पर्शन
द्रव्य संक्रम
द्रव्यसंयम
द्रव्यसंयोग
द्रव्यसंयोगपद
१३/३४८
४/२०८
द्रव्यार्थिकनय
द्रव्यार्थिक प्ररूपणा
द्रव्याल्पबहुत्व
द्रव्यासंख्यात
द्रव्येन्द्रिय
द्वन्द्वसमास
द्वादशांग
७/३
द्विगुणश्रेणीशीर्ष
३/३६
द्विगुणहानि
१/२५६ द्विगुणादिकरण
१ / ३२
१६/३३७
१/२०, ३२
द्विगुसमास द्विचरम समान वृद्धि
द्वितीय दण्ड
द्वितीयदण्डस्थित
द्वितीय पृथिवी
४/४२७,४२८; द्वितीय संग्रहकृष्टिअन्तर
५/५८,६३,१४ε
द्वितीय स्थान १६/४४८ द्वितीय स्थिति
For Private & Personal Use Only
१४ / ५२
५/२६३
१०/७
८/६१
६/३
१३/६३
१/८३; ४/१४१; ६/१६७, १७०
४/३, १४५, १७०, ३२२,
३३७,४४४; ७/३,१३, ८/३;
१३/३,११,३६
४/१४१
१६/३३६
६/४६५,४७३, ७/६१
६/१३७
६/१३८
५/३
३/१३
१/१५८; ३/१
१०/२२,४५०; १६/४८५
४/२५६
५/२४१
३/१२३
१/२३२
.३/७
६/५६,५८
१५/२६७
६/१५३
३ / ७७,८१,११८
३/७ ६/३४
७/३१३,३१५
४/७२
8/58
६/३७७
११ / ११३
६/२३२,२५३
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 930 931 932 933 934 935 936 937 938 939 940 941 942 943 944 945 946 947 948 949 950 951 952 953 954 955 956 957 958 959 960 961 962 963 964 965 966 967 968 969 970 971 972 973 974