Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
View full book text
________________
पशु
पर्युदास १५/२५ पुद्गलपरिवर्तनवार.. -
४/३३४ पर्युदासप्रतिषेध
७/४७६,४८० पुद्गलपरिवर्तनसंसार पर्व ४/३१७; १३/२६८,३०० पुद्गलबन्ध
१३/३४७ पल्य ४/६,१८५,३८६ पुद्गलमोक्ष
१३/३४८ पल्योपम ३/६३; ४/५,७,६,७७,१८५, पुद्गल विपाकित्व ५/२२२, ६/३६
३१७,३४०,३७६; १३/२६८,३०० पुद्गलविपाकी ५/२२६; ६/११४; १२/४६ पल्योपमशतपृथक्त्व ४/४३७ पुद्गलयुति
१३/३४८ पल्यंकासन
४/४६ पुद्गलात्त
९/२३५; १६/५१४ पश्चात्कृत मिथ्यात्व ४/३४६ पुद्गलात्मा
१६/५१५ पश्चादानुपूर्वी १/७३; ६/१३५ पुद्गलानुभाग
१३/३४६ १३/३६१ पुनरुक्तदोष १०/२६६;.१२/२०६ पश्यमान १४/१४३ पुरुष
१/३४१, ६/४६ पाणिमुक्तागति
१/३००; ४/२६ पुरुषवेद ६/४७; ७/७६; ८/१०; १३/३६१ पाप १३/३५२ पुरुषवेददण्डक
८/२७५ पायदकरण १५/२७८ पुरुष (पुरिस) वेदभाव
१४/११ पारंचिक १३/६२ पुरुषवेदोपशमनाडा
५/१६० पारमार्थिक नोकर्मद्रव्यक्षेत्र __४/७ पुलविय
१४/८६ पारसिक १३/२२३ पुष्करद्वीप
४/१६५ पारिणामिक १/१६१; ७/६,३०; १२/२७६ पुष्करद्वीपार्ध
४/१५० पारिणामिकभाव ५/१८५,१६६,२०७, पुष्करसमुद्र
४/१९५ २३०; ७/१४ पुष्पोत्तरविमान
६/१२० पारिणामिकी ९/१८२ पुंडरीक
१/६८; ९/१६१ पाव १३/१ पुंवेद
१/३४१ पिठर
१/२७२,२७३ पिशुल
१२/१५८ पूर्व ४/३१७; ६/२५; १२/४८०; पिशुलापिशुल १२/२६०
१३/२८०,२८६,३०० ४/१४४, १३/३६६ पूर्वकृत
९/२०६ पिंडप्रकृति ६/४९%३/३६३,३६६;
४/३४७,३५०,३५६,३६६ १६/३४७ पूर्वकोटिपृथक्त्व ४/३६८,३७३,४००, १४/8
४०८, ५/४२,५२,७२ १३/३५२ पूर्वगत
१/११२ १/११६; १४/३६ पूर्वधर
१५/२३८ पुदगलद्रव्य ३/३; १३/४३, १५/३३
३/४६ पुद्गलनिबद्ध
१५/७,१३ पूर्वश्रुतज्ञान पुद्गलपरिवर्तन ४/३६४,३८८,४०६;
६/२५; १२/४८० ५/५७ पूर्वसमासश्रुतज्ञान
१३/२७१ मुदगलपरिवर्तनकाल ४/३२७,३३४
वरणीय
१३/२६१ परिशिष्ट ७/८८३
३/२०४ पूरिम
पिंड
पुच्छण पुण्य
पुदगल
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 937 938 939 940 941 942 943 944 945 946 947 948 949 950 951 952 953 954 955 956 957 958 959 960 961 962 963 964 965 966 967 968 969 970 971 972 973 974