Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 940
________________ ८/५ पूर्वस्पर्द्धक १०/३२२,३२५; १३/८५; प्रकीर्णक ४/१७४,२३४ १६/५२०,५७८ प्रकीर्णकाध्याय १३/२७६ पूर्वातिपूर्व १३/२८० प्रकृति १२/३०३; १३/१६७,२०५ पूर्वानुपूर्वी १/७३; ९/१३५; १२/२२१ प्रकृतिअनुयोगद्वार ६/२३२ पूर्वाभिमुखकेवली ४/५० प्रकृतिअल्पबहुत्व १३/१६७ पूर्वावरणीय १३/२६१ प्रकृतिगोपुच्छा १०/२४१ पृच्छना ६/२६२; १३/२०३ । प्रकृतिदीर्घ १६/५०७ पृच्छाविधि १३/२८०,२८५ प्रकृतिद्रव्यविधान १३/१६७ पृच्छाविधिविशेष १३/२८० प्रकृतिनयविभाषणता १३/१६७ पृच्छासूत्र १०/९ प्रकृतिनामविधान १३/१६७ पृथिवी ४/४६० प्रकृतिनिक्षेप १३/१६७,१६८ पृथिवीकायिक ३/३३०; ७/७०; ८/१९२ प्रकृतिबंध ८/२,७; ६/१६८,२०० पृथिवीकायिकनामकर्म ७/७० प्रकृतिबंधव्युच्छेद पैशुन्य १/१७ प्रकृतिमोक्ष १६/३३७ पोतकर्म ९/२४६; १३/६,४१,२०२; १४/५ प्रकृतिविकल्प ४/१७६ पंकबहुलपृथिवी ४/२३२ प्रकृतिविशेष १०/५१०,५११ पंचच्छेद ३/७८ प्रकृतिशब्द १३/२०० पंचद्रव्याधारलोक ४/१८५ प्रकृतिस्थानउपशामना १५/२८० पंचमक्षिति १३/३१८ प्रकृतिस्थानबन्ध ८/२ पंचमपृथिवी ४/८६ प्रकृतिसत्कर्म १६/५२२ पंचमुष्टि ६/१२६ प्रकृतिसमुत्कीर्तना ८/७ पंचविधलब्धि ७/१५ प्रकृतिसंक्रम १६/३४० पंचलोकपाल १३/२०२ प्रकृतिस्वरूपगलित १०/२४६ पंचसामायिकयोगस्थान १०/४६५ प्रकृतिह्रस्व १६/५०६ पंचांश ४/१७८ प्रकृत्यर्थता १२/४७८ पंचेन्द्रिय १/२४६,२४८,२६४; ७/६६ प्रक्षेप ३/४८,४६,१८७; ६/१५२; पंचेन्द्रियजाति १/२६४, ६/६८, ८/११ १०/३३७ पंचेन्द्रियजातिमाम १३/३६७ प्रक्षेपप्रमाण १०/८८ पंचेन्द्रियतियंग्गतिप्रायोग्यानपूर्वी ४/१९१ प्रक्षेपभागहार १६/७६,१०१ पंचेन्द्रियतियंच ८/११२ प्रक्षेपराशि ३/४६ पंचेन्द्रियतियंचअपर्याप्त ८/१२७ प्रक्षेपशलाका ३/१५६ पंचेन्द्रिय तियंचपर्याप्त ८/११२ प्रक्षेपसंक्षेप ५/२६४ पंचेद्रियतियंचयोनिमती ८/११२ प्रक्षेपोत्तरक्रम ६/१८२ पंचेन्द्रियलब्धि १४/२० प्रचय ३/६४ पंजर १३/५,३४ प्रचला ___६/३१,३२, ८/१०; १३/३५४ पंजिका ११/३०३ १३/३५४ प्रकाशन ४/३२२. प्रचलाप्रचला ६/३१; ८/8%; १३/३५४ ५८४ | बदमागम-परिशीलन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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