Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
________________
शुद्धनय
शुभ
ما را با
शुभप्रकृति
शुक्ललेश्या १/३६०; ७/१०४; ८/३४६; श्रोत
१/२४७ १६/४८४,४८८,४६२ श्रोत्रेन्द्रिय ४/३९१ ७/६६; १३/२२१ शुक्लवर्णनाम १३/३७० श्रोत्रेन्द्रियअर्थावग्रह
१३/२२७ १३/२८०,२८६ श्रोत्रेन्द्रियईहा
१३/२३१ शुद्धऋजुसूत्र
९/२४४
७/६७
६/६४; ८/१० शुभनाम १३/२६२,३६५ षट्कापक्रमनियम
४/२१८,२२६ १५/१७६ षट्खण्ड
९/१३३ शून्य १४/१३६ षट्षष्ठिपद
१५/२८२ शेलकर्म ९/२४६; १३/९,१०,४१ षट्स्थान ६/२००; १२/१२०,१२१, २०२; १४/५
१४/४३४ शैलेश्य ६/४१७; ६/३४५; १०/३२६; षट्स्थानपतितत्व
१६/४६३ १६/४७६,५२१ षड्वृद्धि
६/२२,१६६ शोक ६/४७; ८/१०; १३/३६१ षडंश
४/१७८ शंख १३/२६७ षण्मास
५/२१ शंखक्षेत्र ४/३५ षण्णोकषायोपशामनादा
५/१६० श्यामा १४/५०३ षष्ठवृद्धि
४/१६० श्यामामध्य १४/५०३ षष्ठोपवास
९/१२४ श्लक्षण
१३/५०२ श्वेत
४/३१८ श्रद्धान
१३/६३ श्रीवत्स १३/२६७ सकल
१३/३४५ ६/३२२; १६/२८५ सकलजिन श्रुतअज्ञानी ७/८४; ८/२७६; १४/२० सकलप्रक्षेप
१०/२५६ श्रुतकेवली ८/५७; 8/१३० सकलप्रक्षेपभागहार
१०/२५५ श्रुतज्ञान १/६३,३५७,३५८,३५६; ६/१८, सकलप्रत्यक्ष
६/१४२ ४८४,४८६; १/१६०, सकलश्रुतज्ञान
१२/२६७ १३/२१०,२४५ सकलश्रुतधारक
६/१३० श्रुतज्ञानावरणीय ६/२१,२५, सकलादेश
६/१६५ १३/२०६ २४५ सचित्तकाल
११/७६ श्रुतज्ञानी ७/८४; ८/२८६ सचित्तगुणयोग
१०/४३३ श्रेणिचारण ९/८० सचित्तद्रव्यस्पर्शन
४/१४३ श्रेणिभागाहार १०/६६ सचित्तद्रव्यभाव
१२/२ ३/३३,१४२; ४/७६,८०; सचित्तद्रव्यवेदना
१०/७ ५/१६६; १३/३७१,३७५,३७७ सचित्तनोकर्मद्रव्यबन्धक
७/४ श्रेणीबद्ध ४/१७४,२३४ सचित्तप्रक्रम
१५/१५
से
hul
श्रेणी
१००/ पट्खण्डागम-परिशीलन
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 954 955 956 957 958 959 960 961 962 963 964 965 966 967 968 969 970 971 972 973 974