Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 927
________________ १०/३१ जिन जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति १/११०६/२०६ जम्बूद्वीपशलाका ४/१६६ जगप्रतर ३/१३२,१४२; ४/१८,५२, जयन्त ४/३८६ १५०,१५१,१५५,१६६,१८०, जया ४/३१६ १८४,१६६,२०२,२०६,२३३; जलगता ९/७६ ७/३७२ जलचर ११/६०,११५, १३/३६१ जगश्रेणी ३/१३५,१४२,१७७; ४/१०, जलचारण ६/७६ १८४; ७/३७२ जल्लोषधिप्राप्त ६/६६ जघन्य १३/३०१,३३८ जहत्स्वार्थवृत्ति ६/१६० जघन्यअनन्तानन्त ३/११ जाति १/१७; ३/२५०; ४/१६३; जघन्यउत्कृष्टपद १४/३६२ ६/५१ जघन्यकृष्टिअन्तर ६/३७६ जातिनाम १३/३६३,३६७ जघन्यद्रव्यवेदना १२/६८ जातिविद्या ६/७७ जघन्यपद १४/३६२ जातिस्मरण ३/१५७; ६/४३३ जघन्यपदअल्पबहुत्व १०/१८५ जित ६/२६२,२६८; जघन्यपदमीमांसा १४/३६७ १३/२०३; १४/८ जघन्यपदस्वामित्व ६/२४६; १/२,१० जघन्यपरीतानन्त ३/२१ जिनपूजा १०/१८६ जघन्यपरीतासंख्य १०/८५ जिनवृषभ १३/३७ जघन्य बन्ध ११/३३६ जिहन्द्रिय ४/३६१; ७/६४ जघन्य योगस्थान १०/४६३ जिह्वन्द्रिय अर्थावग्रह १३/२२८ जघन्य वर्गणा ६/१०१ जिह्वन्द्रिय ईहा १३/२३१ जघन्य स्थान १२/६८ जिह्वन्द्रिय व्यंजनावग्रह १३/२२५ जघन्य स्थिति ६/१८०; ११/३५० ज्योतिष्क १३/३१४ जघन्य स्थितिबंध ११/३३६ ज्योतिष्क जीवराशि ४/१५५ जघन्यस्पर्द्धक ६/२१३ ज्योतिष्कसासादनसम्यग्दृष्टिजघन्यावगाहना ४/२२,३३ स्वस्थानक्षेत्र जघन्यावधि १३/३२५.३२७ ज्योतिष्कस्वस्थानक्षेत्र ४/१६० जघन्यावधिक्षेत्र १३/३०३ ज्योतिषी ८/१४६ जनपद १३/३३५ जीव १/११६१३/८,४० जनपदविनाश १३/३३५,३४१ जीवगुणहानि १०/१०६ जनपदसत्य १/११८ जीवगुणहानिस्थानान्तर १०/६८; जन्तु १/१२० १५/३२८ जम्बूद्वीप ३/१; ४/१५०; १३/३०७ जीवत्व १४/१३ जम्बूद्वीपक्षेत्र ४/१६४ जीवद्रव्य ३/२; १३/४३; १५/३३ जम्बूद्वीपच्छदनक ४/१५५ जीवनिबद्ध १५/७,१४ ४/१५० परिशिष्ट ७ / ८७१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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