Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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जीवपुद्गलबन्ध
१३/३४७ ज्ञानोपयोग जीवपुद्गलमोश १३/३४८ ज्ञायकशरीर
७/४,३० जीवपुद्गलयति
१३/३४८ जीवप्रदेशसंज्ञा
१३/४३६ जीवभाव
१४/१३ जीवभाववन्ध १४/8 झल्लरी संस्थान
४/११,२१ जीवमोक्ष
१३/३४८ जीवयवमध्य
१०/६०; १२/२१२ जीवयुति
१३/३४० जीवविपाकित्व ६/३६ टंक
१४/४६५ जीवविपाकी
५/२२२; ६/११४;
१२/४६; १५/१३ जीवस्थान १/७६; ७/२,३; ८/५; १३/२६६ डहरकाल
५/४२,४४,४७,५६ जीवसमास
१/१३१; ४/३१;
६/२; ८/४ जीवसमुदाहार
१०/२२१,२२३ जीवानुभाग १३/३४६ तटच्छेद
१४/४३६ जीवित १३/३३२,३३३,३४१ तत्
१३/२२१ जुग १४/३८ तत्पुरुषसमास
३/७:१०/१४ जुगुप्सा ६/४८; ८/१०; १३/३६१ तत्त्व
१३/२८०,२८५ जैमिनी १३/२८८ तत्त्वार्थसूत्र
१३/१८७ जंघाचरण ९/७० तद्भवस्थ
१४/३३२ तभावसामान्य
४/३; १०/१०,११
तदुभयप्रत्ययित अजीवज्ञातृधर्मकथा
६/२००
भावबन्ध १४/२३,२६,२७ ज्ञान १/३५३,३६३,३८४; ५/७,६, तदुभयप्रत्ययित जीव८४,१४२,१८६; १३/६६; १४/३८
भावबन्ध १४/१०,१८,१९ ज्ञानकार्य ५/२२४ तदुभयवक्तव्यता
१/८२ ज्ञानप्रवाह १/१४२,१४३,१४६, १४७, तद्व्यतिरिक्त
७/४ ३६४; ६/२१६ तद्व्यतिरिक्त अल्पबहुत्व
५/२४२ ज्ञानविनय
८/८० तद्व्यतिरिक्तकर्मानन्त ज्ञानावरण
९/१०८ तद्व्यतिरिक्तकर्मासंख्यात ३/१२४ ज्ञानावरणीय
६/६,६; ८/१७; तद्व्यतिरिक्तद्रव्यलेश्या १६/४८४ १३/२६,२५६,२५७ तव्यतिरिक्तवर्गणा
१४/५२ ज्ञानावरणीयकर्मप्रकृति १३/२६५ तव्यतिरिक्तद्रव्यानन्त ज्ञानावरणीयवेदना
१०/१४ तव्यतिरिक्तद्रव्यासंख्यात ३/१२४
८७२ / षट्खण्डागम-परिशीलन
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