Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 913
________________ all sil tuti आदेश भव ११/५१२ आयत ४/११,१७२ आदेय ६/६५, ८/११ आयतचतुरस्र क्षेत्र आदेयनाम १३/३६३,३६६ आयतचतुरस्रलोक संस्थान ४/१५७ आदोलकरण ६/३६४ आयाम ३/१६६,२००,२४५, ४/१३, आधार ४/८; १४/५०२ १६५,१८१ आधेय ४/८ आयु ६/१२ आनत १३/२१८ आयु आवास १०/५१ आनप्राणपर्याप्ति ७/३४ आयुबंधप्रायोग्यकाल १०/४२२ आनपानपर्याप्ति १/२५५ आयुष्क १३/२६,२०६,३६२ आनुपूर्वी ६/५६; ८/83; 8/१३४; आयुष्कघातक १६/२८८ १३/३७१ आयुष्कर्मप्रकृति १३/२०६ आनुपूर्वी नाम १३/३६३ आरण ४/१६५,१७०,१३६ आनुपूर्वी नामकर्म ४/३० आरम्भ आनुपूर्वीप्रायोग्य क्षेत्र ४/१६१ आर्यनन्दी १६/५७७,५७८ पाकाप्रायोग्य क्षेत्र ४/१७७ आर्यमंक्ष १२/२३२; १६/५१८,५७८ आनुपूर्वीसंक्रम ६/३०२,३०७, आलापन बंध १४/३७,३८,३६,४० १६/४११ आलोचना १३/६० आप्त ३/११ आवन्ती १३/३३५ आबाधा ४/३२७, ६/१४६,१४७, आजित करण १०/३२५,३२८, १४८; १०/१६४; ११/६२, १५/२५६% १६/५१६,५७७ २०२,२६७ आवलिका ३/६५,६७,४/४३ आबाधा काण्डक ६/१४८,१४६; आवलिप्रथक्त्व १३/३०६ ११/६२,२६६ आवली ४/३१७,३५०,३६१% ५/७; आबाधास्थान ११/१६२,२७१ ६/२३३, ३०८; १३/२६८,३०४ आभिनिबोधिक १३/२०६,२१० आवश्यक ८/८४ आभिनिबोधिकज्ञान १/६३,२५६; आवश्यक परिहीनता ८/८६,९३ ६/१६,४८४,४८६,४८८ आवारक ६/६ आभिनिबोधिकज्ञानावरणीय ६/१५,२१; आवास ४/७५१४/८६ १३/२०६,२१६,२४१,२४४ आवासक १५/३०३ आभिनिबोधिकज्ञानी ७/८४; ८/२८६; आवृतकरण उपशामक ६/३०३ १४/२० आवृतकरण संक्रामक ६/३५८ आभ्यन्तर तप ८/८६ आब्रियमान आभ्यन्तर निवृत्ति १/१३२ आशीविष ६/८५,८६ आमाँषधि प्राप्त १/९५ आशंकासूत्र १०/३२ आमुण्डा १३/२४३ आसादन 3/२४ आम्लनाम १३/३७० आसादना १०/४३ आम्लनामकर्म ६/७५ आस्तिक्य परिशिष्ट ७/८५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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