Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 916
________________ उद्वेलन भागहर उद्वेलन संक्रम उद्वेलना उद्वेलनाकाण्डक उद्वेल्य मानप्रकृति उद्वेल्लिम उपकरण उपक्रम उपक्रमअनुयोगद्वार उपक्रमणकाल उपक्रमणकालगणकार उपघात उपघातनाम उपचार उपदेश उपद्रावण उपधि उपधिवाक् उपनय उपपाद १/२३६ १/७२; ६ / १३४; १५/४१,४२ ६/२३३ ४ /७१, १२६, ५ / २५०, २५१,२५५; १४/४७६ ४/८५ ६/५६; ८ / १० १३/३६३,३६४ ४ / २०४, ३३६, ७ /६७,६८ ५/३२ १३ /४६ १२ / २८५ १/११७ ६/१८२ उपपादकाल उपपादक्षेत्र उपपादक्षेत्र प्रमाण उपपादक्षेत्रायाम उपपादभवनसम्मुखवृत्तक्षेत्र उपपादयोग उपपादराशि उपपादस्पर्शन उपभोगत: आत्तपुद्गल उपभोगान्तराय उपमालोक उपयुक्त उपयोग १६ / ४४८ उपरिम राशि उपरिमवर्ग १६/४१६ उपरिम विकल्प ५ / ३३ ५/१०, १५ १६ / ३५३ ६/२७२,२७३ उपरिमउपरिमग्रैवेयक उपरिम निक्षेप Jain Education International ६६० / षट्खण्डागम-परिशीलन उपरिमविरलन उपरिस्थिति उपलक्षण उपवास उपशम उपशमश्रेणी ४ / २६,१६६,२०५; ७/३००; १३/३४६, ३४७ ४/३२२ ४ / ८५ ४ / १६५ ४/७६ ४/१७२ ४ / ३३२; १० / ४२० ४/३१ ४/१६५ १६/५१५ उपशान्तकाल १५/१४ उपशान्तक्रोध ४ / १८५ १३/३६० उपशान्तदोष उपशान्तमान १/२३६; २/४१३ उपशान्तमाया 8/50 उपशान्तराग ६ / २२६ उपशान्तलोभ उपशमसम्यक्त्व उपशमसम्यक्त्वगुण उपशमसम्यक्त्वगुणश्रेणि उपशमसम्यक्त्वाद्धा उपशमसम्यग्दर्शन उपशमसम्यग्दृष्टि ६/१८४ १३/५५ १/२११; ५/२००,२०२, २०३, २११, २२०; ७ /६, ८१ ४/३५१,४४७; ५ / ११, १५१; ६/२०६, ३०५ ७/५१ ७/१०७ ४/४४ १५/२६७ उपशमक उपशमिकचारित्र उपशमिकसम्यक्त्व ५/२४६,२६२ १३/२१,२२,५२ ३/५४,७७; ४/१८५ _३/१६५,१७ε ६/२२५,२३२ उपशान्त उपशान्तकषाय उपशमिकअविपाकप्रत्ययजीव For Private & Personal Use Only ४/४४,३३६,३४१, ३४२,३७४,४८३; ५/१५,२५४ ४/३६५ १/१७१७ / १०८ ८/३७२; १० / ३१५ ८/२६५ भावबंध १४ / १४ १४/१५ १४ / १५ १२/३०३; १५/२७६ १/१८८, १८६ ; ७/५, १४; ८/४ १४/१५ ५/१६ _४/३५३ उपशान्तकषायवीतराग छद्मस्थ उपशान्तकषायाद्धा १४/१४ १४ / १४ १४/१४ १४/१४ १४/१४ १४/१४ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 914 915 916 917 918 919 920 921 922 923 924 925 926 927 928 929 930 931 932 933 934 935 936 937 938 939 940 941 942 943 944 945 946 947 948 949 950 951 952 953 954 955 956 957 958 959 960 961 962 963 964 965 966 967 968 969 970 971 972 973 974