Book Title: Shatkhandagama Parishilan
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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अध:प्रमत्त गुणश्रेणि अधःप्रवृत्त
१६ / २६७
७/१२
अधःप्रवृत्तकरण ४/३३५,३५७; ६/२१७,
२२२,२४८,२५२; १० / २८०,२८८ अधःप्रवृत्तकरण विशुद्धि
अधःप्रवृत्त भागहार अधःप्रवृत्त विशोधि अधःप्रवृत्त संक्रम
अध: स्थितिगलन अध्यात्म विद्या
अध्वान
अध्रुव
अध्रुव अवग्रह
अध्र व प्रत्यय
अनक्षरगता
अनंगश्रुत
अनध्यवसाय
अध्यात्म विद्या
अननुगामी
अनन्त
अनन्तकाल
अनन्तगुण
अनन्तगुणविहीन अनन्तगुणवृद्धि अनन्त जीवित
अनन्त ज्ञान
अनन्त प्रदेशिक
अनन्तबल
अनन्त भागवृद्धि अनन्तव्यपदेश
अनन्तर
अनन्तर क्षेत्र
अनन्तरक्षेत्र स्पर्श
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६ / २१४ अनन्तानुबन्धि विसंयोजना १६/४४८
६ / १२६, १३०,२८६;
१६/४०६
६/१७०:१३/८०१६/२८३
६ / ३३६ अनन्तानुबन्धी
१३/३६
८/८, ३१
८/८; १३ / २३६
१ / ३५७; ६ / २१
६/१५४
१३/२२१
६/१८८
७ / ८६
१३ / ३६
६/४६६; १३/२६२, २६४
_३ / ११, १२, १५; ४ / ३३८
४/३२८
३/२२,२६
३/२१,२२,६१
अनन्तानन्त
अनन्तानुबन्ध
अनन्तानुबन्धि विसंयोजन
६ / २२, १६६; १०/३५१
१६/२७४
अनन्तरबन्ध
१२ / ३७०
अनन्तरोपनिधा ६ / ३७०, ३७१,३८६,३६८
१० / ११५, ३५२; १२ / २१४; १४/४६
अनन्तावधि
अनन्तावधि जिन
अनन्तिम भाग
अनर्पित
अनवस्था
अनवस्थान
अनवस्थाप्य
अनवस्थाप्रसंग
अनवस्थित
अनवस्थित भागहार अनस्तिकाय अनाकारोपयोग
४/३६३, ३६८ ४/४५; ८/६ ४ / ३२०; ६ / ३४,५७,६४, १४४, १६४,३०३; ७/६६; ६ / २६१; १०/६,४३,२२८,४०३; १२/२५७
७/६०
१३/६२ ४/१६३
अनागत (काल)
अनागतप्रस्थ
अनागमद्रव्य नारक
अनात्मभावभूत
अनात्मस्वरूप
६/८
३/३
६/११८
अनादि
६ / २२, १६६; १० / ३५१
अनादि अपर्यवसितबन्ध
४/४७८
अनादिक
१३/६
अनादिक नामप्रकृति १३/७ अनादिकशरीरबन्ध
१३/३,७,१६ अनादिक सिद्धान्तपद
६ / २८६; १६ / २७६
४/३३६; ६/४१ ८ /६;
१३/३६०
६/५१,५२
६/५१
३/६१,६२
३/१८,१६
६/४२
७ /१४; १०/२८८
अनादि पारिणामिक अनादि मिध्यादृष्टि अनादि वादरसाम्परायिक
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१३/२६२,२६४
१० / १४८ ६/१६८
४ / ३६१; ६ / २०७;
१३/२०७
३/२६
३/२६
७/३०
५/१८५
५/२२५
४/४३६
७/५
5/5
१६/४०४
१४ /४६
६/१३८
५/२२५
४ / ३३५; ६/२३१
७/५
परिशिष्ट ७ / ८४
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