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प्रश्नो के उत्तर mmmmmmmmmmmmmmmmmia होगा कि धर्म के उद्भव होने का क्या कारण रहा है ? मनुष्य के सामने ऐसी कौनसी कठिन एव जटिल समस्याएँ आई जिन्हें सुलझाने के लिए उसे धर्म का सहारा लेना पड़ा? ऐसी कॉन सो परिस्थितिएं उपस्थित हुई जिनके कारण उसके मन मे धर्म की प्रखर ज्योति उद्
कुछ विद्वानो का अभिमत है कि प्रकृति के अनोखे कार्यों को देख कर मनुष्य के मन मे एक विचारणा प्रस्फुटित हुई और उसने चिन्तन का रूप लिया। चिन्तन को गहराई मे गोता लगाते-लगाते उस की विचारधारा वहाँ जा पहुचो जिस के आगे तर्क एव बुद्धि को पहुँच नही थो । इसी चिंतन-धारा मे से धर्म को भावना का उद्भव हुआ । दूसरे विचारको-को यह कल्पना ठोक नही जचो ! उन की विचार-धारा के अनुसार वर्म की उत्पत्ति मानव जीवन मे आने वाले भय एव आकांक्षाओ के कारण हुई । कुछ विचारको ने केवल भय को ही धर्म का जनक माना। उनका विश्वास है कि भय ही एक ऐसा कारण था, जिस से बचने के लिए मनुष्य ने ईश्वर के अस्तित्व मे विश्वास किया। कुछ चितको ने इस विचारधारा का खण्डन किया कि धर्म-ग्राश्चर्य, भय एव आकाक्षानो के कारण उत्पन्न हुआ है। हो सकता है उसने धर्म के प्रकाश मे भय से बचने का मार्ग खोजा हो, परन्तु वह उस की उत्पत्ति का कारण नहीं हो सकता । धर्म को उत्पत्ति का कारण है- मानव जीवन मे रही हुई नैतिकता की भावना। ..
विभिन्न विचारको ने धर्म की उत्पत्ति के सबंध में विभिन्न दृष्टियों से सोचा - विचारा है और भिन्न - भिन्न विचारो का समर्थन किया है। इन समस्त विचारधाराग्रो का विश्लेषण करने से यह स्पष्ट हो जाता है कि धर्म की उत्पत्ति का कारण प्रकृति की विचित्र