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प्रश्नो के उत्तर
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और अनादिमान के भेद से दो प्रकार का है। स्निग्ध और रूक्ष गुण युक्त परमाणुओं से निर्मित मेघ, विद्युत, वर्षा, इन्द्रधनुष प्रादि विषयक वध आदिमान वैस्रसिक है और धर्म अधर्म और आकाश का जो वध है, वह अनादि है । प्रायोगिक वध भी दो तरह का है-अजीव विषयक और जीवाजीव विषयक । काष्ठ और राल आदि पदार्थो का वध जीव विषयक और आठ कर्मों का एव शरीर आदि का बध जीवाजीव विषयक प्रायोगिक वध है ।
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सौम्य
सौक्ष्म्य भी अन्त्य और आपेक्षिक के भेद से दो प्रकार का है । परमाणु का सौक्ष्म्य अन्त्य है, क्योकि वह पुद्गल का अविभाज्य अश है, उससे और सूक्ष्म भाग नही हो सकता । अन्य पदार्थो की सूक्ष्मता प्रापेक्षिक है- जैसे सतरा तरबूज की अपेक्षा सूक्ष्म है और अखरोट संतरे की अपेक्षा सूक्ष्म है, इत्यादि ।
स्थौल्य
सूक्ष्म की तरह स्थूलता भी दो प्रकार की है- अन्त्य और आपेक्षिक | जंगत् व्यापक महास्कन्ध अन्त्य स्थूल है, उससे अधिक वडा और कोई स्कंध नही होता है। तरबूज, संतरा और अखरोट आदि की स्थूलता सापेक्ष है ।
संस्थान
इतथ और अनित्य के भेद से सस्थान दो प्रकार का है । जिस सस्थान की दूसरे संस्थान के साथ तुलना की जा सके वह इत्य संस्थान है और जिसकी किसी संस्थान के साथ तुलना न की जा सके या जिस क। कोई निश्चित आकार न हो वह अनित्य सस्थान है । मेघादि का संस्थान अनित्य स्वरूप है और अन्य पदार्थो का इत्थं सस्थान है ।