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अष्टम अध्याय विचार की ओर ही अधिक रहा है, उसने लोकोत्तर (आत्मिक) प्राचारविचारगत उत्कर्ष की पोर विशेष लक्ष्य नहीं दिया। यही इनमे प्राचारविचारगत भिन्नता है।
इस प्रकार जैनधर्म और बौद्धधर्म में सैद्धान्तिक और धार्मिक दृष्टि से पर्याप्त मतभेद पाया जाता है। तथापि इस सत्य से इन्कार नही किया जा सकता कि दोनों धर्म एक ही क्षेत्र मे फले फूले हैं,पौर. अन्य धर्मों की अपेक्षा एक दूसरे के अधिक निकट हैं।
भगवान महावीर भोर महात्मा बुद्ध के जीवन मे जो समानता तथा असमानता है, उसे निनोक्त तालिका से समझा जा सकता है
महावीर पिता सिद्धार्थ
'शुद्धोधन माता . -त्रिशला
महामाया गोत्र कश्यप
कश्यप , जन्मभूमि क्षत्रियकुण्डग्राम
कपिलवस्तु जाति जात
शाक्य जन्मसम्वत् ई०पू० ५९९
ई०पू०६०० यशोधा
यशोधरा सन्तान प्रियदर्शना [पुत्री]
राहुल [पुत्र] ३०वर्ष की आयु मे - २९वर्ष की प्रायु मे पादितप १२ वर्ष
६वर्ष. ज्ञानप्राप्तिस्थान ऋजुवालिका तट
(बौद्ध)गया निर्वाण
वि.स. से ५२७वर्ष पूर्व वि.स.से५२० वर्ष पू. निर्वाणस्थान मध्यम अपापा(पावापुरी)- कुशी नगर मायुष्य ७२ वर्ष
८० वर्ष महाव्रत पांच महाव्रत
पाच शील सिद्धात भनेकान्तवाद
क्षणिकवाद
स्त्री