________________ Pancastikaya-samgraha उत्पादव्ययध्रौव्ययुक्तं सत् // 5-30 // जो उत्पाद-व्यय-ध्रौव्य सहित हो, सो सत् है। Existence (sat) is with (yukta) origination (utpada), destruction (vyaya) and permanence (dhrauvya). द्रव्य और पर्याय - The substance (dravya) and the modes (paryaya) - उप्पत्ती व विणासो दव्वस्स य णत्थि अत्थि सब्भावो / विगमुप्पादधुवत्तं करेंति तस्सेव पज्जाया // 11 // उत्पत्तिर्वा विनाशो द्रव्यस्य च नास्त्यस्ति सद्भावः / विगमोत्पादध्रुवत्वं कुर्वन्ति तस्यैव पर्यायाः // 11 // अन्वयार्थ - [ द्रव्यस्य च ] द्रव्य का [ उत्पत्तिः] उत्पाद [ वा] या [विनाशः ] विनाश [न अस्ति ] नहीं है, [ सद्भाव अस्ति ] सद्भाव है। [तस्य एव पर्यायाः] उसी की पर्यायें [विगमोत्पादध्रुवत्वं] विनाश, उत्पाद और ध्रुवता [कुर्वन्ति ] करती हैं। There is no origination (utpada) and destruction (vyaya) of the substance (dravya); the substance has just the existence (satta). The modes (paryaya) [of the substance 24