Book Title: Panchastikay Sangraha With Authentic Explanatory Notes in English
Author(s): Vijay K Jain
Publisher: Vikalp Printers
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________________ Index of Verses गाथा --- Verse No. Page 63 130 127 120 87 58 122 कम्मं कम्मं कुव्वदि जदि सो कम्म पि सगं कुव्वदि सेण कम्मं वेदयमाणो जीवो भावं कम्माणं फलमेक्को एक्को कम्मेण विणा उदयं जीवस्स कालो त्ति य ववदेसो कालो परिणामभवो परिणामो कुव्वं सगं सहावं अत्ता केचितु अणा-वण्णा कोधो व जदा माणो माया 194 101 100 192 61 126 32 75 138 255 147 खंधं सयलसमत्थं तस्स दु अद्धं खंधा य खंधदेसा खंधपदेसा खीणे पुव्वणिबद्धे गदिणामे 74 146 119 226 गदिमधिगदस्स देहो देहादो 129 241 159 302 चरियं चरदि सगं सो जो चरिया पमादबहुला कालुस्सं 139 256 छक्कापक्कमजुत्तो उवउत्तो 72 141 94 182 जदि हवदि गमणहेदू जदि हवदि दव्वमण्णं गुणदो 98 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 335

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