Book Title: Panchastikay Sangraha With Authentic Explanatory Notes in English
Author(s): Vijay K Jain
Publisher: Vikalp Printers

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Page 413
________________ INDEX OF SCRIPTURAL EXCERPTS शास्त्रोद्धरण अनुक्रमणिका Name of the Seripture कारिका/श्लोक/गाथा क्रमांक Page 121 Acarya Amrtacandra's Purusarthasiddhyupaya 139 306 --- जीवकृतं परिणाम (12) --- एवमयं कर्मकृतैर्भावैर- (14) --- सम्यक्त्वबोधचारित्रलक्षणो (222) --- असमग्रं भावयतो रत्नत्रय (211) --- रत्नत्रयमिह हेतुर्निर्वाणस्यैव (220) --- व्यवहारनिश्चयो यः प्रबुध्य (8) 314 314 Acarya Gunabhadra's --- करोतु न चिरं घोरं तपः Atmanusasana (212) Acarya Kundakunda's Niyamasara 152 --- तस्स मुहग्गदवयणं --- समयावलिभेदेण दु --- णट्ठट्टकम्मबंधा --- अत्तादि अत्तमझं अत्तंतं --- धाउचउक्कस्स पुणो जं --- एयरसरूवगंधं दोफासं --- णियभावं णवि मुच्चइ --- सुहअसुहवयणरयणं (8) (31) (72) (26) (25) (27) (97) (120) 154 161 308 311 Acarya Kundakunda's Pravacanasara --- उप्पादो य विणासो --- अत्थि त्ति य णत्थि त्ति --- ण भवो भंगविहीणो --- वदिवददो तं देसं तस्सम --- समओ दु अप्पदेसो --- सपरं बाधासहिदं --- जादं सयं समत्तं (1-18) (2-23) (2-8) (2-47) (2-46) (1-76) (1-59) . . . . . . . . . . . . . . 341

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