Book Title: Mulachar Author(s): Manoharlal Shastri Publisher: Anantkirti Digambar Jain GranthmalaPage 28
________________ गाथा यो म्हि सिक्खिदे थोवा दु तमतमाए थोवा तिरिया पंचिं थोवा विमाणवासी द दव्वे खेत्ते काले देवस्सियणियमादिसु दुवो सामाचारो दव्वादिवदिक्कमणं दिवसिय दियपक्खिय ... ... दंसणणाणचरित्ते... दंसणचरणविसुद्धी... दुविहाय होंति जीवा दुविधा तसा उत्ता दंसणचरण विवण्णे... दंसणचरण भट्ठे दंसणचरणो एसो.... दिसदाह उकपडणं दुविहो य तवाचारो दंसणणाणो विओ दुवो य विसग्गो दंसणणाणचरित् ... देवदपाखंड दिवसे पक्खे मासे देसत्तिय सव्वत्ति य दायगपुरदो कित्ती ... दव्वं खेत्तं कालं दीहकालमयं जंतु . ... ... ... २७ गाथा ... पृ.सं. गा.सं. ३२३। ८९७ | दव्वगुणखेत्तपज्जय ४२१।१२०९ | दव्वुज्जोवोजोवो ४२२।१२१० | दुविहं च होइ तित्थं ४२३।१२१६ | दाहोपसमणतण्ह दंसणणाणचरित् ११| २६ दंसणणाणचरित् १२| २८ दंसणणाणचरित् दंसणणाणचरित् ५८। १२४ ७७ १७१ | दोणदं तु जधाजादं ७९ । १७५ | दिट्ठमदिहं चाविय दंसणणाणचरित् ८८। १९९ दवे खेत्ते का ... ... ... ... ८८। २०० ९०। २०४ | दुग्गम दुलहलाभा ९५। २१८ | दुक्खभयमीणपउरे १०९ । २६१ | देसकुलजम्मरूवं ११०। २६२ | दुल्लहलाहं लडू १११। २६६ | दस दोय भावणाओ ११४ । २७४ | दिट्ठपरमट्ठसारा १३९ । ३४५ | देहे णिरावयक्खा... १४६ । ३६४ | देहीति दीणकलसं १६१। ४०६ | दुज्जणवयण चडपडं १६६। ४१९ | दंतेंदिया महरिसी १६८ । ४२५ | दव्वं खेत्तं कालं १७१। ४३३ | दंभं परपरिवादं १७३ | ४३८ | दव्वे खेत्ते काले १७९ । ४५५ | दसविहमव्वंभविणं १९१। ४९० दव्वं खेत्तं कालं १९८ | ५०७ | देहस्स य णिव्वत्ती ... ... ... ... ... ... ... ... पृ.सं. गा.सं. २१२। ५५१ २१३। ५५५ २१४॥ ५५८ २१४। ३५९ २१५। ५६० २२२। ५८४ २२५। ५९४ २२६। ५९६ २२७॥ ६०१ २२८। ६०६ २५१। ६७८ २६० ७०४ २६५। ७२२ २६७ ७२७ २७६। ७५६ २७७ ७५९ २७९ । ७६३ २९३॥ ८०७ २९३। ८०९ २९६। ८१८ ३१२। ८६७ ३१७८८१ ३२१। ८९३ ३४२ । ९५७ ३४८। ९७५ ३५४। ९९८ ३५७।१००५ ३७२/१०५०Page Navigation
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