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छठे अध्याय के श्लोक संख्या 270-272
में एक रोचक प्रश्न दिया गया है : “मुर्गों की लड़ाई के समय एक दर्शक ने दोनों
मुर्गों के मालिकों से एक समझौता किया। पहले से उसने कहा कि यदि तुम्हारा मुर्गा जीतेगा तो तुम मुझे जीती हुई राशि दोगे और उसके हारने पर मैं तुम्हें जीती हुई राशि का दूगा । दूसरे मालिक से उसने कहा कि यदि तम्हारा मर्ग जीनेगा तो तम मझे जीती हुई राशि दोगे और उसके हारने पर मैं तुम्हें तुम्हारी जीती हुई राशि का दूंगा। दोनों ही स्थितियों में दशक को 12 स्वर्ण मुद्राएं मिलेंगी। प्रत्येक मालिक को कितना-कितना पुरस्कार मिलेगा ?"
दोनों मालिकों की राशियों को x और ) मानते हुए निम्नलिखित समीकरण बनते हैं :
_
_y=12
x=12,
या सामान्यतः
___x=m.
महावीराचार्य के अनुसार इस पद्धति का हल इस प्रकार है :
___bo+d)
x= (c+d) b-(a+byc
{9, VI, 268 - 2691
_ d (a+b)
" (a+by.d-(c+d).a" इसी प्रकार का प्रश्न भास्कर द्वितीय के ग्रंथ में भी दिया गया है। "एक व्यक्ति ने कहा कि यदि तुम मुझे 100 रुपये दो तो मैं तुमसे दुगुना अमीर हो जाऊंगा । दूसरे ने कहा कि यदि तुम मुझे 10 रुपये दो तो मैं तुमसे छ: गुना अमीर हो जाऊँगा। प्रत्येक के पास कितनी पूंजी थी ?"
[1, पृष्ठ 137-138] महावीराचार्य के ग्रंथ के 6-वें अध्याय में श्लोक संख्या 90 - 91 -का यह निम्नलिखित प्रश्न तीन अज्ञात राशियों वाली तीन समीकरणों की पद्धति से हल होता है।
"अनार, आम और सेब, प्रत्येक के 3 नगों का मूल्य 2 पन, 5 नगों का 3 पन और 7 नगों का 5 पन है। गणित जानने वाले मेरे मित्र जल्दी से यह बताओ कि 76 पन में कितने फल खरीदोगे जिसमें आम सेब से 3 गुना और अनार से 6 गुना अधिक हों।"
प्रश्न के हल के लिए समीकरण इस प्रकार है :
Lx = 62
x,y, z-क्रमशः अनार, आम और सेब की संख्या बताते हैं। यह पद्धति बड़ी आसानी से एक अजात राशि वाले समीकरण में बदली जा सकती है।
2282 = 2660
इस प्रश्न का उत्तर है :-कुल खरीदे गये अनार, आम और सेबों की संख्या क्रमश: 70, 35 और 11- है।
जैन प्राच्य विद्याएं
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