Book Title: Deshbhushanji Aacharya Abhinandan Granth
Author(s): R C Gupta
Publisher: Deshbhushanji Maharaj Trust

View full book text
Previous | Next

Page 1763
________________ Jain सुमत प्रसाद जैन महामन्त्री आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रंथ समिति 1617, दरीबा कलां, दिल्ली-110006 ERPLA शांतिगिरि-स्तवन शांतिगिरि श्रमण संस्कृति के ललाट पर, मंगल तिलक ! शांतिगिरि आचार्यश्री देशभूषण की दिव्य आस्थाओं से उद्भूत अभिनव तीर्थराज ! शांतिगिरि धरा पर स्वर्ग का अवतरण ! जैन देवकुल का निर्मल इतिहास !! -- शांतिगिरि प्रदूषणता से मुक्त, प्रकृति का उज्ज्वल उपवन !! शांतिगिरि अगणित तारों के मंगल कलश से, तीर्थकर प्रतिमाओं का दिव्य अभिषेक शांतिगिरि पूजा-अर्चा की शाश्वत भूमि ! सूर्य की प्रथम रश्मियों का - स्वर्णिम उपहार !! -- शांतिगिरि चतुर्गति में परिभ्रमण करती आत्माओं का शांति पथ ! शांतिगिरि रत्नत्रय आराधना की पुण्य-स्थली ! मुक्ति पथ का प्रशस्त द्वार !! www.jainelibrary org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1761 1762 1763 1764 1765 1766