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प्रत्यनान प्रन्धकार
भाषा
रचनाकाल ८. वैद्यामृत
श्रीधरदेव १. खगेन्द्रमणि दर्पण
मंगराज १०. यशास्त्र
अभिनवचन्द्र ११. कल्याणकारक
सोमनाथ १२. गौवंद्य
कीर्तिवर्म श्री नाहटा जी द्वारा प्रस्तुत इस सूची के पश्चात् “जैन सिद्धान्त भास्कर" के मनीषी सम्पादक श्री पं० के भुजबलि शास्त्री ने अपना सम्पादकीय नोट भी प्रस्तुत किया है जो निम्न प्रकार है
श्री युत् नाहटा जी ने इस जंन ज्योतिष और वैद्यक की ग्रन्थतालिका में दिगम्बर जैन ज्योतिष एवं वैद्यक ग्रन्थों के जो नाम दिए हैं वे भास्कर में धारा प्रवाह रूप से प्रकाशित होते हुए मेरे प्रशस्ति संग्रहगत कतिपय ग्रन्थों के ही नाम मात्र हैं। इनके अतिरिक्त दि. जैन साहित्य में एतद्विषयक रचनाओं का जहां तहां अधिकतर उल्लेख मिलता है । सावकाश होकर अन्वेषण करने पर दिगम्बर जैन ज्योतिष और वैद्यक ग्रन्थों की एक बृहत्-सूची तैयार की जा सकी है । अभी तत्क्षण मेरी नजरों से ही जो कुछ नाम गुजरे हैं वे नीचे दिए जाते हैं। ये पं० नाथूराम प्रेमी जी द्वारा संग्रहीत दि. जैन ग्रन्थकर्ता और उनके ग्रन्थ-आदि पर से संग्रहित हुए हैंप्रधनाम प्रन्यनाम
रचना काल १. कनक दीपक
उग्रादित्य संस्कृत
अनुपलब्ध २. भिक्षु प्रकाश
उग्रादित्य संस्कृत
अनुपलब्ध ३. रामविनोद
उग्रादित्य संस्कृत
अनुपलब्ध ४. वैद्यगाता
प्राकृत
अनुपलब्ध ५. गुणपाक
चिक्कण कवि
संस्कृत ६. वंद्यक निघन्टु
धनंजय ७. वैद्यक निघन्ट
पद्मनन्दि ८. वैद्यक निधष्ट
पदम सेन संस्कृत
अनुपलब्ध ९. कल्याण कारक
पूज्यपाद १०. वैद्य निषण्ट
रवण सि ११. अष्टांगहृदय वाग्भट
उपलब्ध १२. वैब निषष्ट्र
वाग्भट् १३. वैद्य निषष्ट अभिनव
अनुपलब्ध
-(दि. जैन ग्रंथकर्ता और उनके ग्रंथ से सकलित) १४. योग चिन्तामणि
हर्षकीर्ति
संस्कृत
उपलब्ध १५. विद्या विनोद
अकलंक
संस्कृत
अनुपलब्ध १६. अकलंक संहिता
अकलंक
संस्कृत १७. बालग्रह चिकित्सा
मल्लिषेण १५. मेरुतन्त्र
मेहतुंग
(भवन की सूची से संकलित) १६. अश्ववैद्य
वाचरस
कन्नड़ २०. वैद्यसांगत्य
साल्व
कन्नड़ २१. वैद्य निघण्टु
लक्ष्मण पण्डित
कन्नड़
(कन्नड़ कविचरिते से) २२. सिद्धान्त रसायनकल्प
समन्तभद्र
प्राकृत
अनुपलब्ध २३. जगतसुन्दरी
उपादित्य
संस्कृत
अनुपलब्ध २४. कल्याणकारक उग्रादित्य
उपलब्ध जन प्राव्य विधाएं
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