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१० पक्षी की भांति वे उन्मुक्त-विहारी थे। ११ भारण्ड-पक्षी की भांति साधना में सदा अप्रमत्त
(जागरूक) रहते थे। १२ श्रेष्ठ हस्ती की भांति वे संकटों में वीरता रखते थे। १३ वृषभ की भांति दृढ़ पराक्रमी थे। १४ सिंह की भांति दुर्धर्ष (कष्टों में घबरानेवाले नही) थे। १५ सुमेरगिरि की भांति परीषह-उपसर्गों में अविचल
रहते थे। १६ सागर की भांति सदा गम्भीर रहते थे। १७ चन्द्रमा की भांति सदा सौम्य (अमृतवी) थे। १८ सूर्य की भांति तेजोदीप्त रहते थे। १६ स्वर्ण की भांति मनोहर कांतियुक्त थे। २० पृथ्वी की भांति सुख-दुख में समभावी थे। २१ अग्निशिखा की भांति सदा ज्योतिर्मान (तेजस्वी) थे ।